Thursday, 4 July 2019

विश्व को ईसाइयत का उपहार

यूरोप के धर्मांध ईसाइयों ने पूरे विश्व को लूटकर उंनको दो उपहार दिए।
प्रथम - ईसाइयत का प्रचार प्रसार
दूसरा- लोकतंत्र।
दोनों ही एक दूसरे के सम्पूरक हैं।
लोकतंत्र की खूबसूरती यह है कि सत्ता परिवर्तन बिना खून खराबे के होता है।
लेकिन यह समझने की जरूरत है कि इस लोकतंत्र में लोककल्याण का हल्ला बोल नारा देने वाले स्वकल्याण किस तरह करते हैं। कौन लोग हैं जो लोक कल्याण का नारा देकर सत्ता पर कब्जा करते हैं, और स्वकल्याण करते हैं ? और उनका सत्ता कब्जाने का माध्यम क्या होता है ?
भारत ही नहीं पूरे विश्व पर नजर डालियेगा तो पता चलेगा कि सत्ता कब्जाने की पहली शर्त होती है - कि आपका  एक शशक्त गिरोह होना चाहिए। जिसके पास माइंड मैनीपुलेशन करने के संसाधनों पर पकड़ होनी चाहिए।
थोड़ा गम्भीरता से विचार कीजिये - अपने ही देश या पड़ोसी देशों के 70 साल के इतिहास पर नजर डालिए और देखिये कि किस तरह मात्र कुछ गिरोहों ने कैसे सत्ता पर कब्जा बना रखा है।
अच्छा वह साधन कौन से हैं माइंड मैनीपुलेशन के -
एजुकेशन, यूनिवर्सिटीज, फ़िल्म, डॉक्युमेंट्रीज़, पत्रिकाएं, समाचार पत्र और टेलीविशन।

#सोशल_मीडिया के अवतरण ने इन गिरोहों और इन साधनों की नस काट दी है।

इसीलिए हवा में सनसनाहट है।

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