#इमोशनल_टॉक्सिन्स_सीरीज -10
#मन_का_रीसायकल_बिन : सार सार को गहि रहे थोथा देय उड़ाय
मनोमस्तिष्क के रीसायकल बिन का सिद्धांत- कितने स्तरों पर होना चाहिए।
जो वस्तुएं हम छान सकते हैं उसको छानकर खाते पीते है जिससे कि गन्दगी और कूड़ा या अभक्ष्य हमारे शरीर के सिस्टम में न आने पाये। ये प्रथम स्तर है।
लेकिन ग्रहण करने के बाद भी भक्ष्य पदार्थ से शरीर का सिस्टम शरीर के लिए आवश्यक तत्व लेकर, बाकी को मल मूत्र के रूप में बाहर निकाल देती है - प्राकृतिक रीसायकल बिन का द्वितीय स्तर।
ये तो हार्डवेयर का मामला हुवा।
लेकिन क्या आपने अपने सॉफ्टवेयर के सिस्टम में छननी और रीसायकल बिन का अप्प डाउनलोड करने की आवश्यकता को भी समझा है कि इसमें पहली बात तो कूड़ा करकट जाने न पाए । और यदि चला भी जाय तो उसको सॉफ्टवेयर की मेमोरी से निकाला जा सके ?
ये सॉफ्टवेयर स्वयं ही अवचेतन स्तर पर दुखद और कष्टकारी डेटा रीसायकल बिन में डालता जाता है जिससे आप उन दुखद अनुभवों से स्वयं को मुक्त करने में सक्षम होते है। पुरानी दुखद घाव धीरे धीरे इसी कारण भर जाते हैं।
आपके सॉफ्टवेयर में क्या अपलोड किया जाय - जो करणीय हो, जो आत्म मोक्षर्थाय जगत हिताय वंक्षणीय हो, जो उचित हो, जो कल्याणकारी हो ?
ये ज्ञान प्राप्त होता है दर्शन से या धर्मग्रंथों से, जिसको कौटिल्य ने विद्या का प्रथम अंग बताया था। और जिसको हमारे गुरुकुलों में मैकाले शिंक्षा के पूर्व तक पोंगा पंडी जी लोग बिना सरकारी या प्राइवेट वेतन लिए ही पढ़ाते थे। ये तो हुवा प्रथम स्तर की छननी।
अब दूसरे स्तर पर जहां आप छननी नही लगा सकते और मन सहज भाव से सुखद - दुखद , उल्टा सीधा, वंक्षणीय और अवंक्षणीय, घृणा और प्रेम, लोभ और लाभ, मोह और माया, क्रोध और काम आदि के डेटा एकत्रित करके आपको असहज बनाये रखता है, क्या उसके लिए रीसायकल बिन का अप्प आपने अपने मष्तिष्क में डाउनलोड किया है ?
या आपका मन इन दैवी और आसुरी प्रवृत्तियों और शक्तियों के बीच फुटबाल बना हुआ है - दूसरे स्तर की छननी -----
इतना समझ आ जाय तो बताइयेगा ।
इसी अप्प को डाउनलोड करने के बारे में जानने के लिए कृष्ण से अर्जुन अपने फुटबाल बने मन के निग्रहं के बारे में पूँछता है -
चंचलम् हि मनः कृष्ण: प्रमाथि बलव दृढम्।
तस्य अहम् निग्रहं वायो: इव सु- दुष्करम्।।
6:34
मेरा मन बड़ा चंचल सवरियां रे।
इसको वश में करना वायु को वश में करने से ज्यादा कठिन है।
इसी अप्प को नग्रेजी में कहते है - To de educate oneself.
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