जाति (Caste ) शब्द और जातिवाद Casteism को वैदिककाल से जोड़ने वाले लोगों के लिए ये पोस्ट डाल रहा हूँ / कृपया इसको देखें फिर अपनी राय प्रकट करें /
ये इम्पिरेयल ग़ुज़्ज़ेटेयर ऑफ़ इंडिया वॉल्यूम एक से उद्धृत है -" Imperial Guzetear of India " ,The India Empire ,Descriptive :
सोर्स : डिजिटल साउथ एशिया लाइब्रेरी चैप्टर ६ "Ethnology and caste " पेज . 311
" 'caste शब्द' जो भारतीय समाज में समाजशास्त्र का एक बहुप्रचलित शब्द है , ये पुर्तगाली समुद्री व्यापारी जो वास्कोडिगामा के पीछे पीछे भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर आये थे ,उनके साथ आया / caste शब्द लैटिन के castus शब्द से लिया गया है जिसका प्रयोग नश्ल की रक्तशुद्धता के लिए होता है / हॉब्सन जॉब्सन में छपे caste पर लिखे अपने लेख में सर हेनरी यूल ने गोवा के १६६७ के सेक्रेड कौंसिल की एक डिक्री को उद्धृत करते हैं जो कहता है कि -" हिन्दू (Gentoos ) लोग अपने समाज को , ज्यादा और कम सम्मान (डिग्निटी ) के आधार पर , भिन्न भिन्न नश्लों या castes में इस तरह से विभाजित कर रखा है कि ईसाईयों को सबसे नीचे क्रम में रखा है , और अन्धविश्वास के कारण ऊँची caste के लोग निचली caste के लोगों से खान पान का सम्बन्ध नहीं रखते "
ये इम्पिरेयल ग़ुज़्ज़ेटेयर ऑफ़ इंडिया वॉल्यूम एक से उद्धृत है -" Imperial Guzetear of India " ,The India Empire ,Descriptive :
सोर्स : डिजिटल साउथ एशिया लाइब्रेरी चैप्टर ६ "Ethnology and caste " पेज . 311
" 'caste शब्द' जो भारतीय समाज में समाजशास्त्र का एक बहुप्रचलित शब्द है , ये पुर्तगाली समुद्री व्यापारी जो वास्कोडिगामा के पीछे पीछे भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर आये थे ,उनके साथ आया / caste शब्द लैटिन के castus शब्द से लिया गया है जिसका प्रयोग नश्ल की रक्तशुद्धता के लिए होता है / हॉब्सन जॉब्सन में छपे caste पर लिखे अपने लेख में सर हेनरी यूल ने गोवा के १६६७ के सेक्रेड कौंसिल की एक डिक्री को उद्धृत करते हैं जो कहता है कि -" हिन्दू (Gentoos ) लोग अपने समाज को , ज्यादा और कम सम्मान (डिग्निटी ) के आधार पर , भिन्न भिन्न नश्लों या castes में इस तरह से विभाजित कर रखा है कि ईसाईयों को सबसे नीचे क्रम में रखा है , और अन्धविश्वास के कारण ऊँची caste के लोग निचली caste के लोगों से खान पान का सम्बन्ध नहीं रखते "
इस बात को अगर आप गंभीरता से समझने की कोशिश करेंगे तो पाएंगे कि रेसिस्म से चुधियाए ईसाई विद्वानों को भारत के विभिन्न सामाजिक वर्ग जो वैभवशाली भारत कि मैनुफेक्चुरिंग इकाई हुआ करती थी ,अगर उनको एक अलग रेस जैसे प्रतीत हुए , तो उन्होंने वैसा ही लिख दिया /
विविधता की संस्कृति को कोडिफीड पुस्तक के चश्मे से पूरी दुनिया को देखने वाले जो ब्रुनो नामक वैज्ञानिक को 1600 AD मे सिर्फ इसलिए जला के मार देते है कि उसने कहा कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है जैसा तथ्यात्मक बात पर अडिग रहता है; जो बाइबल कि अवधारणा के खिलाफ है /
बर्बर असभ्य जाहिल और किसको कहते हैं ?
लेकिन क्या हम भी वही समझते हैं जो बात वो हमको समझा गए ???
विविधता की संस्कृति को कोडिफीड पुस्तक के चश्मे से पूरी दुनिया को देखने वाले जो ब्रुनो नामक वैज्ञानिक को 1600 AD मे सिर्फ इसलिए जला के मार देते है कि उसने कहा कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है जैसा तथ्यात्मक बात पर अडिग रहता है; जो बाइबल कि अवधारणा के खिलाफ है /
बर्बर असभ्य जाहिल और किसको कहते हैं ?
लेकिन क्या हम भी वही समझते हैं जो बात वो हमको समझा गए ???
पहले जात - पांत था।
इस्लाम आया मोहब्बत का पैगाम लेकर तो लोग लपक कर ईमान कायम कर लिए।
फिर हुई जात - विरादरी।
ईसाइयत आई तो 1901 की जनगणना में एक रेसिस्ट गोरे ऑफिसर H H Risley ने नाक की चौड़ाई को आधार बनाकर -" Unfailing Law Of Caste " बनाया। जिसके अनुसार जिस वर्ग के लोगों की नाक जितनी चौड़ी होगी उसकी हैसियत सामाजिक पिरामिड में उतने नीचे होगी।
और जिस वर्ग की नाक जितनी सुतवाँ होगी ; वो सामाजिक पिरामिड में उसकी हैसियत उतनी ऊपर।
इसी के आधार पर जो लिस्ट बनी ।उस लिस्ट ऊपर चिन्हित किये वर्ग high caste और नीचे चिन्हित वर्ग lower caste हुए।
और जब कॉपी पेस्ट विद्वानों ने इसका हिंदी अनुवाद किया तो caste का अनुवाद किया जाति।
जबकि जाति का अर्थ अमरकोश के अनुसार -
1- सुमन
2- मालती ( ये दो पुष्प के नाम हैं )
3- सामान्य जन्म।
अब बाकी का अर्थ आप खुद लगाएं।
डॉ आंबेडकर का ऐतिहासिक undelivered स्पीच " "Annihilation of Caste " में किस चीज को उच्छेद करने की बात की गयी है ।
जिस पर अभी एक विदुषी अरुंधति रॉय ने ग्रन्थ भी रच डाला है ।
दलित ( थिंक) टैंक कुछ प्रकाश डालें।
इस्लाम आया मोहब्बत का पैगाम लेकर तो लोग लपक कर ईमान कायम कर लिए।
फिर हुई जात - विरादरी।
ईसाइयत आई तो 1901 की जनगणना में एक रेसिस्ट गोरे ऑफिसर H H Risley ने नाक की चौड़ाई को आधार बनाकर -" Unfailing Law Of Caste " बनाया। जिसके अनुसार जिस वर्ग के लोगों की नाक जितनी चौड़ी होगी उसकी हैसियत सामाजिक पिरामिड में उतने नीचे होगी।
और जिस वर्ग की नाक जितनी सुतवाँ होगी ; वो सामाजिक पिरामिड में उसकी हैसियत उतनी ऊपर।
इसी के आधार पर जो लिस्ट बनी ।उस लिस्ट ऊपर चिन्हित किये वर्ग high caste और नीचे चिन्हित वर्ग lower caste हुए।
और जब कॉपी पेस्ट विद्वानों ने इसका हिंदी अनुवाद किया तो caste का अनुवाद किया जाति।
जबकि जाति का अर्थ अमरकोश के अनुसार -
1- सुमन
2- मालती ( ये दो पुष्प के नाम हैं )
3- सामान्य जन्म।
अब बाकी का अर्थ आप खुद लगाएं।
डॉ आंबेडकर का ऐतिहासिक undelivered स्पीच " "Annihilation of Caste " में किस चीज को उच्छेद करने की बात की गयी है ।
जिस पर अभी एक विदुषी अरुंधति रॉय ने ग्रन्थ भी रच डाला है ।
दलित ( थिंक) टैंक कुछ प्रकाश डालें।
No comments:
Post a Comment