Monday 27 April 2015

How Terrorism can be uprooted in Kashmir

ये हैं वशीर चचा । नैनीताल के हॉर्स राइडिंग पॉइंट पर 350 घोडो पर यात्रियों को बैठाकर ऊपर टाफिन टॉप टाइगर पॉइंट और दुरोथी सीट की यात्रा करवाने वाले लोगों में से एक।
यहाँ का ये पूरा कारोबार पूरी तरह मुसलमान भाइयों के हाँथ में है कई पुश्तों से।
व्यक्तिगत वार्तालाप से पता चला कि इनकी अनुमानित आय 25 से 30 हजार प्रतिमाह होगी।उन्होने कई जगहेँ भी रास्ते में दिखाई, जहाँ नई पुराणी हिट फिल्मो की सूटिंग भी हुई थी।
अब सोचिये कश्मीर के बारे में इसी विंदू और विचार से।
धरती के स्वर्ग को , जब पाकिस्तान के मुल्लों और वहां की सरकार ने, बीच के दलाल पैदा किये, जिन्होंने अपने लिये कश्मीर की अस्मिता उसकी टूरिस्ट व्यवसाय और आम आदमी की रोजी रोटी को इस्लाम की भेंट चढ़ा दिया ।
और वहां के लोगों ने अपने ही पड़ोसियों को 20 - 25 साल पहले अपने घर से बेघर कर मार कर भगा दिया और हत्याए कर दीं।
उसके बाद उनकी गरीबी दूर करने की बात करते हो ?
कैसे करोगे ?
अपनी जड़ पे कुल्हाड़ी तो खुद ही मारे हैं ।
इनको ये बात अगर समझ में आ जाय । घाटी में शांति स्थापित हो जाय।
टूरिस्ट को भरोसा हो जाय तो कश्मीर में जहाँ न जाने कितनी फिल्मों की सूटिंग हुई है , फिर से स्वर्ग हो जाय और वहां के नवयुवक को रोजगार का एक मार्ग दिखने लगे।
कश्मीर की चिंता में डूबे लोगों को सोचना पड़ेगा।

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