10:38 AM
Will Durant का The Case for India का उपसंहार पढ़ें।
बाकी भी बीच बीच में दूंगा लिखकर।
दुखद है कि जब भारत के विद्वान लोग और यहाँ तक कि महान अर्थशाष्त्री डॉ आंबेडकर जैसे लोग बहुसंख्यक लोगों की गरीबी दरिद्रता कंगाली भुखमरी मौत और अकालों का कारण : आर्य द्रविड़ शुद्र अतिशूद्र अछूत सवर्ण असवर्ण और अवर्ण जैसे शब्दों के द्वारा व्याख्या करने के लिए कट्टर ईसाई मैक्समुल्लेर जेम्स मिल जॉन मूरे जैसे झोला छाप संस्कृतज्ञों के जरिये माइथोलॉजी में खोज रहे थे ; उसी समय एक अमेरिकन राइटर जो भारत की सभ्यता को समझ कर सिविलाइज़ेशन पर 10 वॉल्यूम की किताब लिखने वाला था , यहाँ की दुर्दशा देखकर वो विभिन्न प्रमाणिक श्रोतों से उसके कारण की तथ्यात्मक खोज कर रहा था।
शर्म की बात है भारत के तथाकथित बौद्धिक विकलांगों पर जिन्होंने उनको अपना यार माना जो उनकी दुर्दशा के कारण थे।
और चंद्रभान जैसे दलित पंगु आज लार्ड मैकाले को अपना बाप मानकर उनका बर्थडे मनाते हैं , और अंग्रेजी को ज्ञान की देवी मानकर गर्व के साथ लिखते हैं Yours - CBP
बाकी भी बीच बीच में दूंगा लिखकर।
दुखद है कि जब भारत के विद्वान लोग और यहाँ तक कि महान अर्थशाष्त्री डॉ आंबेडकर जैसे लोग बहुसंख्यक लोगों की गरीबी दरिद्रता कंगाली भुखमरी मौत और अकालों का कारण : आर्य द्रविड़ शुद्र अतिशूद्र अछूत सवर्ण असवर्ण और अवर्ण जैसे शब्दों के द्वारा व्याख्या करने के लिए कट्टर ईसाई मैक्समुल्लेर जेम्स मिल जॉन मूरे जैसे झोला छाप संस्कृतज्ञों के जरिये माइथोलॉजी में खोज रहे थे ; उसी समय एक अमेरिकन राइटर जो भारत की सभ्यता को समझ कर सिविलाइज़ेशन पर 10 वॉल्यूम की किताब लिखने वाला था , यहाँ की दुर्दशा देखकर वो विभिन्न प्रमाणिक श्रोतों से उसके कारण की तथ्यात्मक खोज कर रहा था।
शर्म की बात है भारत के तथाकथित बौद्धिक विकलांगों पर जिन्होंने उनको अपना यार माना जो उनकी दुर्दशा के कारण थे।
और चंद्रभान जैसे दलित पंगु आज लार्ड मैकाले को अपना बाप मानकर उनका बर्थडे मनाते हैं , और अंग्रेजी को ज्ञान की देवी मानकर गर्व के साथ लिखते हैं Yours - CBP
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