Monday, 27 April 2015

Marx Mantra and Modern India

मरकस बाबा   (मार्क्स ) के चेलों से भरा पड़ा है , लोमड़ी ब्रांड भारतीय साहित्य , इतिहास और ढेर सारा भारतीय लेखन / एक गैंंग है इंका , जिसमे एंट्री आपको तभी मिलेगी जब आप भारत भारतीयता , हिन्दू और सनातन को लच्छेदार गालियों से नवाजेंगे / तो लेखन का अगर भूत आपके मस्तिस्क मे है , तो पहले अश्लील बनिए , अपने ही माँ से पूंछिए कि जो अलाने फलाने पांडे जी खुद को मेरा बाप बोलते फिरते हैं कंजड़ टाइप से , क्या वो सचमुच मेरे बाप है अम्मा ? 
 एक इस तरह का मस्तराम साहित्य पेश कीजिये वामपंथी गिरोह मे , आपकी एंट्री हो गई / फिर अपनी पोजीसन बरकरार रखने के लिए आपको ये काम मजबूरन करना पड़ेगा / और अच्छी पहचान बनानी है या फिर पुरस्कार वार पाना है तो फिर और अश्लील बनिए , राम और सीता , शिव और उमा , विष्णु और लक्ष्मी को अश्लील साहित्य बनाकर परोसिए / फिर तो आप कोल्हू के बैल हो जाते हैं / आँख पर पट्टी चढ़ी हुयी है , सुबह से शाम तक तेली वामिए आपको नाधे रहेंगे , आप चलते जाइए , चलते जाइए / सुबह जहां से चले थे शाम को भी वहीं खड़े मिलेंगे / लेकिन तेली ने आपका तेल निकाल के अपना तेल भंडार भर लिया /

अब ऐसा क्यों करते है ये तेली वामिए ? मूलमंत्र मरकस बाबा दिये थे न / क्या है वो मूलम्न्त्र ?? देखिये


मार्क्स ने 1853 में लिखा -
अंग्रेज के ऊपर दो जिम्मेदारियां है :
1- भारत की संस्कृति का विनाश करना
2- पश्चिमी देशों की भौतिकवादी (matrialism) की भारत में नीवं रखना।

-धरमपाल की पुस्तक "The Beautiful Tree" से उद्धृत।
जितने लेफ्टिस्ट हैं लिबरल हैं प्रगतिशील हैं मार्क्सवादी लेनिनवादी हैं , अगर आप ऊपर वर्णित दो नीतिवाक्य को समझ लेंगे तो आप पाएंगे कि यही मन्त्र उनका मूलमन्त्र है।

"England has to fulfill a double mission in India: one destructive, the other regenerating the annihilation of old Asiatic society, and the laying the material foundations of Western society in Asia.

https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=6&cad=rja&uact=8&ved=0CD4QFjAF&url=https%3A%2F%2Fmarxists.anu.edu.au%2Farchive%2Fmarx%2Fworks%2F1853%2F07%2F22.htm&ei=VSWOVbxzyexS3KuDoA8&usg=AFQjCNFZFSgnQpNIFIQReMoyD5G_LR81Xg&sig2=wyU1-LUv6GhkhFCp06SxfA&bvm=bv.96783405,d.d24


The Future Results of British Rule in India by Karl Marx


https://marxists.anu.edu.au/archive/marx/works/1853/07/22.htm

Indian society has no history at all, at least no known history. ... England has to fulfill a double mission in India: one destructive, the other regenerating the annihilation of old Asiatic society, and the laying the material foundations of Western society in Asia. Arabs, Turks ... They intend now drawing a net of railroads over India.

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