मरकस बाबा (मार्क्स ) के चेलों से भरा पड़ा है , लोमड़ी ब्रांड भारतीय साहित्य , इतिहास और ढेर सारा भारतीय लेखन / एक गैंंग है इंका , जिसमे एंट्री आपको तभी मिलेगी जब आप भारत भारतीयता , हिन्दू और सनातन को लच्छेदार गालियों से नवाजेंगे / तो लेखन का अगर भूत आपके मस्तिस्क मे है , तो पहले अश्लील बनिए , अपने ही माँ से पूंछिए कि जो अलाने फलाने पांडे जी खुद को मेरा बाप बोलते फिरते हैं कंजड़ टाइप से , क्या वो सचमुच मेरे बाप है अम्मा ?
एक इस तरह का मस्तराम साहित्य पेश कीजिये वामपंथी गिरोह मे , आपकी एंट्री हो गई / फिर अपनी पोजीसन बरकरार रखने के लिए आपको ये काम मजबूरन करना पड़ेगा / और अच्छी पहचान बनानी है या फिर पुरस्कार वार पाना है तो फिर और अश्लील बनिए , राम और सीता , शिव और उमा , विष्णु और लक्ष्मी को अश्लील साहित्य बनाकर परोसिए / फिर तो आप कोल्हू के बैल हो जाते हैं / आँख पर पट्टी चढ़ी हुयी है , सुबह से शाम तक तेली वामिए आपको नाधे रहेंगे , आप चलते जाइए , चलते जाइए / सुबह जहां से चले थे शाम को भी वहीं खड़े मिलेंगे / लेकिन तेली ने आपका तेल निकाल के अपना तेल भंडार भर लिया /
अब ऐसा क्यों करते है ये तेली वामिए ? मूलमंत्र मरकस बाबा दिये थे न / क्या है वो मूलम्न्त्र ?? देखिये
मार्क्स ने 1853 में लिखा -
एक इस तरह का मस्तराम साहित्य पेश कीजिये वामपंथी गिरोह मे , आपकी एंट्री हो गई / फिर अपनी पोजीसन बरकरार रखने के लिए आपको ये काम मजबूरन करना पड़ेगा / और अच्छी पहचान बनानी है या फिर पुरस्कार वार पाना है तो फिर और अश्लील बनिए , राम और सीता , शिव और उमा , विष्णु और लक्ष्मी को अश्लील साहित्य बनाकर परोसिए / फिर तो आप कोल्हू के बैल हो जाते हैं / आँख पर पट्टी चढ़ी हुयी है , सुबह से शाम तक तेली वामिए आपको नाधे रहेंगे , आप चलते जाइए , चलते जाइए / सुबह जहां से चले थे शाम को भी वहीं खड़े मिलेंगे / लेकिन तेली ने आपका तेल निकाल के अपना तेल भंडार भर लिया /
अब ऐसा क्यों करते है ये तेली वामिए ? मूलमंत्र मरकस बाबा दिये थे न / क्या है वो मूलम्न्त्र ?? देखिये
मार्क्स ने 1853 में लिखा -
अंग्रेज के ऊपर दो जिम्मेदारियां है :
1- भारत की संस्कृति का विनाश करना
2- पश्चिमी देशों की भौतिकवादी (matrialism) की भारत में नीवं रखना।
-धरमपाल की पुस्तक "The Beautiful Tree" से उद्धृत।
-धरमपाल की पुस्तक "The Beautiful Tree" से उद्धृत।
जितने लेफ्टिस्ट हैं लिबरल हैं प्रगतिशील हैं मार्क्सवादी लेनिनवादी हैं , अगर आप ऊपर वर्णित दो नीतिवाक्य को समझ लेंगे तो आप पाएंगे कि यही मन्त्र उनका मूलमन्त्र है।
"England has to fulfill a double mission in India: one destructive, the other regenerating the annihilation of old Asiatic society, and the laying the material foundations of Western society in Asia.
The Future Results of British Rule in India by Karl Marx
https://marxists.anu.edu.au/archive/marx/works/1853/07/22.htm
Indian society has no history at all, at least no known history. ... England has to fulfill a double mission in India: one destructive, the other regenerating the annihilation of old Asiatic society, and the laying the material foundations of Western society in Asia. Arabs, Turks ... They intend now drawing a net of railroads over India.
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