कुछ भारतीय विद्वानों के लिए:
जो हर बात में भारत को अमेरिका इंग्लैंड और सिंगापुर के तराजू से तौलने की बीमारी से ग्रसित है, उनको ये बात पता भी है कि भारत विश्व की मात्र 4% धरती का मालिक है, लेकिन उसको विश्व की 20% आबादी को पालित पोसित करना है।
तो जमाना चाहे बैलगाड़ी का रहा हो चाहे हवाई जहाज और ग्लोबल विलेज का - जिनसे आप भारत की तुलना करते हैं, उनके बनाये नियम कानून, सामाजिक दृष्टि और दृष्टिकोण, आर्थिक दर्शन और नीति, भारत के संदर्भ में लागू करना निहायत ही मूर्खता है।
तो जमाना चाहे बैलगाड़ी का रहा हो चाहे हवाई जहाज और ग्लोबल विलेज का - जिनसे आप भारत की तुलना करते हैं, उनके बनाये नियम कानून, सामाजिक दृष्टि और दृष्टिकोण, आर्थिक दर्शन और नीति, भारत के संदर्भ में लागू करना निहायत ही मूर्खता है।
भारत को अपने जीवन के हर क्षेत्र में अपने स्वयं के नियम कानून दर्शन और सिद्धांत बनाने होंगे।
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