Friday, 20 October 2017

They desanscritized the Bharatiya mind set . Let us Resanscritize it again.

भारत के आधुनिक मनीषी , जो मैकाले की शिक्षानीति से ही शिक्षित हुए परंतु भारत को पश्चिम के विद्वानों मार्क्स , मैकाले , जेम्स मिल , मैक्समूलर ( अब तो सिद्ध हो गया है कि वो फ्रॉड संस्कृतज्ञ था ) आदि की दृष्टि से न् देखकर भारत को भारत की दृष्टि से देखा , उनके नाम यदि लिए जायँ तो उनमें दादा भाई नौरोजी , बाल गंगाधर तिलक , लाला लाजपत राय , अरबिंदो , गांधी , सुभाषचंद्र बोस आदि आदि लोग मिलेंगे ।

कैसे किया ये कार्य साधना उन्होंने ?

खुद को #De_Educate करके ।

जो संस्कार उन्होंने अपने चरित्र में शिक्षा के जरिये निर्मित किया था उस शिक्षा और संस्कार का परित्याग किया उन्होंने ।

बाकी ये कहने की जरूरत नही है कि नेहरू और आंबेडकर ने न् इस साधना का प्रयास किया और यदि किया भी होगा तो उसमे सफल नहीं हुए ।

क्योंकि जीवन का सबसे मुश्किल काम् है मस्तिष्क पर टंकित इबारतों को मिटाकर उस पर नई इबारत लिखना ।
स्वतंत्र भारत में यद्यपि कहने को तो शिक्षा का भारतीय करण किया गया है , लेकिन वो सच नही है ।

स्वतंत्र भारत में मानसिक बौनों की भरमार है जिनके ऊपर बुद्धिजीवी होने का ठप्पा लगा है ।

ऐसा मात्र इसलिए है क्योंकि वे ऐसे पदों को घेरकर बैठे हुए है जहाँ से उनकी बात देश और दुनिया में जा सकती है ।

हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि ऐसे बौने बौद्धिकों को चिन्हित कर उनको #De_Education की ओर धकेला जाय ।

They desanscritized the Bharatiya mind set .
Let us Resanscritize it again.

Get rid of Colonized servitude. Don't remain servile any more.

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