भारत के आधुनिक मनीषी , जो मैकाले की शिक्षानीति से ही शिक्षित हुए परंतु
भारत को पश्चिम के विद्वानों मार्क्स , मैकाले , जेम्स मिल , मैक्समूलर (
अब तो सिद्ध हो गया है कि वो फ्रॉड संस्कृतज्ञ था ) आदि की दृष्टि से न्
देखकर भारत को भारत की दृष्टि से देखा , उनके नाम यदि लिए जायँ तो उनमें
दादा भाई नौरोजी , बाल गंगाधर तिलक , लाला लाजपत राय , अरबिंदो , गांधी ,
सुभाषचंद्र बोस आदि आदि लोग मिलेंगे ।
कैसे किया ये कार्य साधना उन्होंने ?
खुद को #De_Educate करके ।
जो संस्कार उन्होंने अपने चरित्र में शिक्षा के जरिये निर्मित किया था उस शिक्षा और संस्कार का परित्याग किया उन्होंने ।
बाकी ये कहने की जरूरत नही है कि नेहरू और आंबेडकर ने न् इस साधना का प्रयास किया और यदि किया भी होगा तो उसमे सफल नहीं हुए ।
क्योंकि जीवन का सबसे मुश्किल काम् है मस्तिष्क पर टंकित इबारतों को मिटाकर उस पर नई इबारत लिखना ।
स्वतंत्र भारत में यद्यपि कहने को तो शिक्षा का भारतीय करण किया गया है , लेकिन वो सच नही है ।
स्वतंत्र भारत में मानसिक बौनों की भरमार है जिनके ऊपर बुद्धिजीवी होने का ठप्पा लगा है ।
ऐसा मात्र इसलिए है क्योंकि वे ऐसे पदों को घेरकर बैठे हुए है जहाँ से उनकी बात देश और दुनिया में जा सकती है ।
हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि ऐसे बौने बौद्धिकों को चिन्हित कर उनको #De_Education की ओर धकेला जाय ।
They desanscritized the Bharatiya mind set .
Let us Resanscritize it again.
Get rid of Colonized servitude. Don't remain servile any more.
कैसे किया ये कार्य साधना उन्होंने ?
खुद को #De_Educate करके ।
जो संस्कार उन्होंने अपने चरित्र में शिक्षा के जरिये निर्मित किया था उस शिक्षा और संस्कार का परित्याग किया उन्होंने ।
बाकी ये कहने की जरूरत नही है कि नेहरू और आंबेडकर ने न् इस साधना का प्रयास किया और यदि किया भी होगा तो उसमे सफल नहीं हुए ।
क्योंकि जीवन का सबसे मुश्किल काम् है मस्तिष्क पर टंकित इबारतों को मिटाकर उस पर नई इबारत लिखना ।
स्वतंत्र भारत में यद्यपि कहने को तो शिक्षा का भारतीय करण किया गया है , लेकिन वो सच नही है ।
स्वतंत्र भारत में मानसिक बौनों की भरमार है जिनके ऊपर बुद्धिजीवी होने का ठप्पा लगा है ।
ऐसा मात्र इसलिए है क्योंकि वे ऐसे पदों को घेरकर बैठे हुए है जहाँ से उनकी बात देश और दुनिया में जा सकती है ।
हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि ऐसे बौने बौद्धिकों को चिन्हित कर उनको #De_Education की ओर धकेला जाय ।
They desanscritized the Bharatiya mind set .
Let us Resanscritize it again.
Get rid of Colonized servitude. Don't remain servile any more.
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