Tuesday, 17 October 2017

यूनिवरसिटी और विश्वविद्यालय का अंतर

एक प्रश्न Sumant Bhattacharya सर निरन्तर उठाते आये हैं कि विश्वविद्यालय की परिभाषा क्या है ?
मुझे नही लगता कि पत्रकारिता के जगत में पद्मश्री अवार्डी पत्रकार भी इन मूलभूत महत्वपूर्ण विषयो पे अपनी बात रखने की हिम्मत रखते हैं ।
क्यों ? क्योंकि वे आसक्त भाव की पत्रकारिता करते हैं।
ये प्रश्न कोई निरासक्त जिज्ञासु पत्रकार ही उठा सकता है ।
मैं इस विषय पे सुमन्त दा द्वारा उठाये प्रश्नो को लाइक करके चला आता हूँ। कभी कमेंट नहीं करता।
लेकिन जो कमेंट आते हैं उनसे ये लगता है कि ये लोग विश्विद्यालय को, यूनिवर्सिटी का ठीक उसी तरह समकक्षी समझते हैं, जैसे आमजन धर्म को रिलीजन और मजहब का समकक्षी समझते हैं।
लेकिन मेरा ज्ञान नही, अनुभव बताता है कि यूनिवर्सिटी ट्यूबलर ज्ञान की एक ऐसी प्रयोगशाला है, जहां कुछ विशेष लोगों को, किसी विषय विशेष का, विशेषज्ञ बनने की डिग्री दी जाती है - जिससे आप रोजी रोटी के एक्सपर्ट बन सकें।
लेकिन विश्वविद्यालय एक अंतरिक्षीय ( related to cosmos) संस्था है, जिसमे विश्व को बसुधैव कुटुम्बकम समझते हुए , विश्व और अंतरिक्ष को, खुद से जोड़ने की, और स्वयं को अंतरिक्ष और विश्व से जोड़ने की तकनीक समझाई जाती है।
अर्थात स्वयं को समझने का ज्ञान वितरित किया जाता था, जिसको अध्यात्म के नाम से जाना जाता है। इसी को विदेशी भारत के संदर्भ में Centre of higher learning बोलते आये है। इसी को विश्वविद्यालय कहते हैं।
कबीर तुलसी मीरा बाई विश्वविद्यालय के छात्र थे।
अम्बेडकर नेहरू आदि यूनिवर्सिटी स्टूडेंट थे।
अपनी समझ के अनुसार लिखा।
अंतिम सत्य नहीं है ये।

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