Wednesday, 20 January 2016

R Vaidyanathan speaks at the Conference on ‪#‎Foreign_Funded_NGOs‬ : बिन्दुवार -

R Vaidyanathan speaks at the Conference on ‪#‎Foreign_Funded_NGOs‬ :
बिन्दुवार -
1- BCCI और बॉलीवूड सबसे बड़ी NGOs हैं /
2- ये वेलफेयर , नॉन प्रॉफ़िट या वोलन्टरी संस्था के नाम से काम करते हैं /
3- 2006 सरकारी अधिकारियों ने इन सन्स्थाओ के साथ कान करने का मन बनाया /
4- NAC (जिसकी अदध्यक्षा सोनिया गांधी थी , और ढेर सारे अन्य चपन्दूक उसमे सदस्य थे ) भी एक NGO थी /
5- 2007 मे अनेकों NGO , NAC के जरिये सरकार से सीधे जुड़ गई /
6- इनमे से अधिकासतह सरकार या विदेश से पैसा लेती हैं लेकिन वे सरकार के प्रति जबाबदेह नहीं है /
7- इनमे से ज़्यादातर चर्च से जुड़ी संस्थाएं हैं , ह्यूमन राइट कोमिसन उनमे से एक है /
8- उदाहरण स्वरूप मात्र बंगलोर मे चींटियों के उद्धार से जुड़ी 2000 संस्थायाएँ है जो उनके बारे मे अदध्ययन करती है ( पीठ पीछे कुछ और करती है )
9- 2009 तक 33 लाख NGO रजिस्टर थी , लेकिन बहुतों को खोजना संभव नहीं है /
10- RSS विश्व की सबसे बड़ी NGO है /
11- भारत मे प्रति 300 व्यक्ति पर एक NGO हैं /
12- तमिलनाडु ने सुप्रेमेकौर्ट को NGOs के डेटेल देने से माना कर दिया था /
13- दिल्ली और तमिलनाडु मे मैक्सिमम NGO हैं /
14- इन संस्थाओं ने भारी मात्रा मे जमीन की खरीद फरोख्त कर राखी हैं /
और ज़्यादातर पैसा एड्मिनिसट्रेशन और ये अचल संपत्ति खरीदने मे लगाती हैं /
इन NGOS को ‪#‎महाराजा‬ की संज्ञा दिया जा सकता है जो जो FCRA के तहत रिटर्न दाखिल करती हैं / बाकी ज़्यादातर NGOs को ‪#‎चक्रवर्ती‬ की श्रेणी मे रखा जा सकता है जो आय व्याया का कोई व्योरा नहीं देती/ इसके अलावा ‪#‎मदर‬ और ‪#‎ब्रदर‬ NGOS भी है /
15- ये NGOS सीधे IIMS से सीधे ब्रिलिएंट बच्चों को एपाइंट करती हैं /
16- पिछले एक दशक मे 100 हजार करोड़ रुपया भारत मे विदेशों से NGOS के लिए आया है , जिसमे की ज़्यादातर पैसा चर्च के पास आता है ‪#‎रेलीजिऔस‬ एक्टिविटी के लिए / करीब 4800 NGOS ने तो अपने औब्जैकटिव मे रेलीजिऔस एक्टिविटी दर्शाया है , परंतु बहुत सारी NGOS यहाई काम क्षद्म नाम से कर रही हैं /
17- भूतपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया था कि ये संस्थाए देशहित के विरुद्ध काम कर रही हैं /
कुछ प्रश्न :
-भारत कब तक White-mans Burden बना रहेगा ?
-क्या सरकार को इस ‪#‎NGO_बिज़नस‬ की जांच नहीं करनी चाहिए ?
- क्या FCRA को इस तरह से विदेश से आने वाले धन पर पाबंदी नहीं लगानी चाहिए ?
- और यदि कोई दया से पीड़ित व्यक्ति भारतीय गरीब लोगों की मदद करना चाहता है तो उसे प्रधानमंत्री राहत कोष मे पैसा जमा करना चाहिए /
‪#‎आशंका‬ - लेकिन इस बात की बहुत बड़ी आशंका है कि अगर सरकार ऐसा कोई काम करती है तो बहुत बड़ी संख्या मे लोग ‪#‎बेरोजगार‬ हो जाएँगे /


https://youtu.be/Hs6iDnA34Cs

1 comment:

  1. सरकार ने इनकी ऑक्सीजन रोक दी है।
    इस बात की पूरी आशंका है कि बहुत बड़ी संख्या में मुफ्तखोर परजीवी राष्ट्रद्रोही
    लोग ‪#‎बेरोजगार‬ हो जाएँगे।

    ReplyDelete