Wednesday 13 January 2016

चीन ने की पठनकोट हमले की निंदा: भारत की कूटनीतिक जीत: इसको इस तरह आँकलन करें ।

http://www.hindi.indiasamvad.co.in/IndiaAbroad/China-first-Pathankot-condemned-the-attack-Modi-was-being-diplomatic-victory-9044

रूस को शिकष्त देने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान की प्रयोगशाला से जेहादी तालिबानियों को अफगानइस्तान में रुसी सेना से लड़ने के लिए धन अस्त्र शस्त्र और ट्रेनिंग दिया ।
रूस तो खैर विखण्डित हो गया ।
लेकिन भारत को उस तालिबान के तड़के की छौंक के रूप में ‪#‎इस्लामिक_आतंकवाद‬ का दन्स झेलने का अभिशाप भी मिला ।
लेकिन भारत की बात कौन सुनता।
‪#‎तेल_के_खेल‬ में WOM यानि वेपन ऑफ़ मॉस destrustion के नाम पर अमेरिका के नेतृत्व में UNO में प्रस्ताव पास कराये बिना, ईसाई धनी देशों के संगठन ने जब इराक पर ताबड़तोड़ बमबारी करके उसको नष्ट किया तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान में एक संगठन का जनम होता है - जिसका नेतृत्व सूफी व्यक्तित्व का एक ‪#‎कसाई‬ करता है, ‪#‎दिग्गी_राजा‬ के शब्दों में ‪#‎श्री_oshama‬ जी ।

ओसामा जी ने जब अमेरिका के ट्विन टावर को उड़वाया तो ‪#‎ओबामा‬ जी के पहले ‪#‎बुश_जी‬ को समझ आया कि वे क्या कर रहे थे ? यानि जिन्न पाल रहे थे ।
अमेरिका की जनता ने तथा यूरोप के अन्य भागों के ईसाई बन्धुओं ने मुसलमानों को धकियाया कई जगह तो फिर लगे हाथ कई जगहों पर ‪#‎सिखों‬ को भी मुसलमान की तर्ज पर धकिया दिया ।
मुम्बई में 26/ 11 और ‪#‎कसाब‬ का अवतरण।
अमेरिका को अब जाकर समझ में आया कि ‪#‎आतंकवाद‬ भी है दुनिया में , लेकिन ओबामा जी ने इस्लाम को शांति का मजहब बताते हुए आतंकवाद ख़त्म करने की कसम खाई और पाकिस्तान में दामाद की तरह बसर कर रहे ‪#‎oshama‬ जी को रातो रात उठवाकर उनकी जेनेटिक टेस्टिंग पक्की करके समुन्दर में ही सुपुर्दे खाक कर दिया ।
अब अमेरिका में खान नाम हो अगर आपका तो हवाईअड्डे पर ही आपकी जामा तलाशी (समझ रहे हैं न ) ली जाती है ।
इसी को काउंटर करने के लिए ‪#‎हकले_खान‬ की एक फ़िलम भी लांच हुई -I am Khan (and I am not a terrorist)
आजम चचा समझे कि ओबामा खान ने हकले की फिलिम देख लिया होगा और समझ गया होगा, चलो थोडा तफ़रीह कर आएं पुत्तर प्रदेश सर्कार के खर्चे पर ।
लेकिन वो साले अमेरिकन इस बार सेक्युलर न निकले । उन्होंने चचा की जमकर जामा तलाशा ।
और चचा नाराज होकर लौट आये ।
खैर इधर बीच एक नए हीरो को , जिसको अमेरिका ने oshama जी का साथी होने के इल्जाम में 2004 से 2009 तक अमेरिका की जेल में रखकर ट्रेनिंग देती है , और फिर लांच करती है इराक और सीरिया में उसका नाम है ‪#‎अल_बगदादी‬ और उसके संगठन का नाम है ISIS ।
पट्ठे नकाब पहनकर यजीदियों के हाथ पीछे बांधकर उनका कत्ल करते है । और उनकी लड़कियों को 10 या 20 डॉलर में बेंचने की मण्डी लगाते हैं ।यही इनकी वीरता की निशानी है । शकलदेही न होने पाये , पता नहीं कहाँ कल अकेले में धरा जाएँ तो बुर्काधारी औरतें ही चप्पल से मार मार कर मुआ डाले।
खैर बात रही पठानकोट की ।
और चीन के बदले रुख की ।
तो भाई ये जान ले कि ईसाई कसाई से 600 साल बड़ा है , और इसलिए 600 गुना हरामी भी ।
लेकिन यूरोप और अमेरिका की डूबती आर्थिक नैया में छेद हो गया है । कब डूबेगी पता नहीं , लेकिन डूबने के पहले अपनी इकॉनमी को सुधारने की कोशिश जरूर करेगी ।
क्या है अमेरिका की जीडीपी का मुख्य भाग । हथियारों का उत्पादन ।
तो हथियार तभी बिकेंगे जब उसकी आवश्यकता होगी विश्व को ।
तो भाई ये तैयारी चल रही है ।
ध्यान रहे - East is East and West is West .
रूस बीच में है।
बैलेंस साधते हुए भी अभी कुछ दिन पूर्व सीरिया में फुलझड़ी लगाकर अपनी शक्ति और उपस्थिति का अहसास कराया है ।
ॐ शांति ।

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