https://www.facebook.com/tribhuwan.singh.908/posts/1147444828618916
आज एक high court के एक वकील साहब #राजभर साहब ऑपरेशन के बाद दिखाने आए थे / बातों बातों मे उनसे बात हुयी कि साहब राजभर लोग आज से हजार वर्ष पूर्व #क्षत्रिय हुआ करते थे / उनकी आँखों मे चमक आ गई , बोले - कि डॉ साहब आप तों मेरे मन की बात कर रहे हैं / https://en.wikipedia.org/wiki/Rajbhar
मैंने कहा कि अब आप लोग किस caste मे आते है ? उन्होने कहा कि #विमुक्त_जाति / मैंने पूंछा कि ये किसमे आते हैं ? genral SC ST या OBC मे ?
उन्होने कहा कि साहब किसी मे नहीं / मैंने कहा ऐसे कैसे ?
तों उन्होने बताया कि Denotified Caste /
मैंने थोड़ा इस विषय पर अदध्ययन किया / अंग्रेजों ने जब भारत मे शासन शुरू किया तों पता चला कि उनके लूट के विरोध और भारत के उद्योगों को नष्ट करने के कारण जो लोग बेरोजगार हुये उनमे से कुछ लोग उनका #हिंसक विरोध करते थे / उनको चिन्हित करने के लिए अंग्रेज़ William Sleeman को ज़िम्मेदारी दी , जिसको कालांतर मे कमिश्नर कि पदवी दी गई / उसने सबसे पहले एक खास समुदाय को जो इनका हिंसक विरोध करता था उसको #ठग के नाम से नामांकित किया और 1839 मे इस समुदाय के 3000 लोगों को पकड़ा , जिनमे से 466 को फांसी पर लटका दिया, 1564 को देशनिकाला या कालापानी , और 933 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी / 1850 तक लगभग सभी ठगों को खत्म कर दिया गया / और इस कार्यप्रणाली से प्रोत्साहित होकर अंग्रेजों ने भारत के अन्य हिंसक विरोध करने वाले समुदायों के लिए एक कानून बनाने की योजना बनाई जिसको 1871मे James Fitzjames Stephen) जिसने एक साल बाद Indian Evidence Act 1872 बनाया था) उसने Criminal Tribe Act का गठन किया / उसकी दलील थी कि - जिस तरह यहाँ बुनकर लोहार आदि पुश्तैनी पेशा है , उसी तरह अपराध करना भी एक पुश्तैनी पेशा है जो कि इनको अपने पूर्वजों से वंशानुगत रूप से प्राप्त होता है / अर्थात इन समुदायों के लोग पैदायशी अपराधी होते है , और इसलिए इनको भी ठगों की तरह खत्म नहीं किया जाए/ https://en.wikipedia.org/wiki/Criminal_Tribes_Act
कालांतर मे इस कानून को पूरे देश मे लागू किया गया , जिसमे चिन्हित लोगों को #बिना किसी अपराध के और सबूत के , तथा बिना किसी कानूनी कार्यवाही के कत्ल किया जाना एक आम बात बन गयी।
इतिहासकर #रांनारायन रावत के अनुसार शुरू मे इसमे सिर्फ जाटों ( ये भी भारत मे शासक / क्षत्रिय रह चुके थे ) को सम्मिलित किया गया परंतु बाद मे इसका विस्तार कर #अधिकतर_शूद्रों जैसे #चमार, सन्यासियों और पहाड़ी लोगों को शामिल कर लिया गया / बाद मे इस कानून के अंतर्गत इन पैदायशी अपराधियों मे Bowreahs, Sonareahs, #Binds, Budducks, #Bedyas, #Domes, Dormas, Bembodyahs, Keechuks, Dasads, Koneriahs, Moosaheers, Rajwars, Gahsees, Banjors, Boayas, Dharees, Sowakhyas को भी शामिल कर एक तरह से इनके सामाजिक वहिष्कार को प्रोत्साहित किया गया / शासन के अपराधी तों थे ही /
नोट : MA Sherring के अनुसार बिन्द और मुशहर नमक के निर्माता थे जिस व्यापार पर अंग्रेजों ने 1780 मे ही एकाधिकार जमा कर उनको बेरोजगार कर दिया था / बेड़िया वस्तुओं के लोकल ट्रांसपोरटेर हुआ करते थे /
कालांतर मे Criminal Tribes Act 1931के तहत सैकड़ों हिंदुओं को इस कानून के घेरे मे लाया गया / अकेले मद्रास मे 237 अपराधी जातियों को शामिल किया गया था /
आजादी के बाद इस कानून को 1949 मे खत्म कर 23 लाख लोगों को गैर अपराधी बनाया गया ( 2,300,000 tribals being decriminalised) / 1952 मे नेहरू सरकार ने इस कानून को बादल कर --The Habitual Offenders Act (HOA) (1952) बनाया / और जो पहले से #अपराधी_समुदाय के एक बदनुमा #दाग लेकर जीने को बाध्य थे, उनको denotified tribes नाम देकर, एक और सामाजिक धब्बा उनकी पीठ पर छाप दिया -- अर्थात #विमुक्त_जाति / इस आजाद भारत मे भी ढेर सारे विमुक्त जाति के लोग PASA ( Prevention of Anti - social Activity Act ) के अंतर्गत चिन्हित होते रहे / इन समुदायों के ज़्यादातर लोगो को BPL की स्थिति मे होने के बावजूद इनको SC , ST या OBC के ग्रुप से अभी भी बाहर रखा गया है /
नेशनल ह्यूमन राइट कमिशन ने और UN ने इस कानून को केएचटीएम करने की शिफारिश की थी , क्योंकि इसमे ज़्यादातर नियम कानून Criminal Tribes Act से ही लिए गए हैं / अभी इस कानून की वैधानिक स्थिति क्या है , ये तों मुझे नहीं पता लेकिन इस #विमुक्त_जाति मे 60 मिलियन यानि 6 करोड़ भारतीय लोग शामिल है /
राजभर भी उनमे से एक हैं /
ये मॉडर्न caste System का एक और पोल खोलता है कि इसका भारत से कोई संबंध नहीं है , ये ईसाई अंग्रेजों का भारत को एक उफार है /
विडम्बना ये है कि Annihilation of Caste की कसमें खाने वाले डॉ अंबेडकर को भी भारत के एक बड़े वर्ग पर ये क्रूर अन्याय दिखाई न दिया ?? क्योंकि वे बौद्ध तों 1956 मे बने थे , और स्वतंत्र भारत मे ब्रिटिश कानून की नकल जवाहर लाल ने 1952 मे करके इन लोगों को #पैदायशी_अपराध से 1952 मे #विमुक्त किया था /
चित्र -1 The Thugs Worshipping Kalee (1850, p. 98)[14]
चित्रा - 2 Guru Multhoo Byragee Jogee, Native of Ajmere, aged 90, in jail (1840) जिनको आजीवन कारावास दिया गया था /
मैंने कहा कि अब आप लोग किस caste मे आते है ? उन्होने कहा कि #विमुक्त_जाति / मैंने पूंछा कि ये किसमे आते हैं ? genral SC ST या OBC मे ?
उन्होने कहा कि साहब किसी मे नहीं / मैंने कहा ऐसे कैसे ?
तों उन्होने बताया कि Denotified Caste /
मैंने थोड़ा इस विषय पर अदध्ययन किया / अंग्रेजों ने जब भारत मे शासन शुरू किया तों पता चला कि उनके लूट के विरोध और भारत के उद्योगों को नष्ट करने के कारण जो लोग बेरोजगार हुये उनमे से कुछ लोग उनका #हिंसक विरोध करते थे / उनको चिन्हित करने के लिए अंग्रेज़ William Sleeman को ज़िम्मेदारी दी , जिसको कालांतर मे कमिश्नर कि पदवी दी गई / उसने सबसे पहले एक खास समुदाय को जो इनका हिंसक विरोध करता था उसको #ठग के नाम से नामांकित किया और 1839 मे इस समुदाय के 3000 लोगों को पकड़ा , जिनमे से 466 को फांसी पर लटका दिया, 1564 को देशनिकाला या कालापानी , और 933 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी / 1850 तक लगभग सभी ठगों को खत्म कर दिया गया / और इस कार्यप्रणाली से प्रोत्साहित होकर अंग्रेजों ने भारत के अन्य हिंसक विरोध करने वाले समुदायों के लिए एक कानून बनाने की योजना बनाई जिसको 1871मे James Fitzjames Stephen) जिसने एक साल बाद Indian Evidence Act 1872 बनाया था) उसने Criminal Tribe Act का गठन किया / उसकी दलील थी कि - जिस तरह यहाँ बुनकर लोहार आदि पुश्तैनी पेशा है , उसी तरह अपराध करना भी एक पुश्तैनी पेशा है जो कि इनको अपने पूर्वजों से वंशानुगत रूप से प्राप्त होता है / अर्थात इन समुदायों के लोग पैदायशी अपराधी होते है , और इसलिए इनको भी ठगों की तरह खत्म नहीं किया जाए/ https://en.wikipedia.org/wiki/Criminal_Tribes_Act
कालांतर मे इस कानून को पूरे देश मे लागू किया गया , जिसमे चिन्हित लोगों को #बिना किसी अपराध के और सबूत के , तथा बिना किसी कानूनी कार्यवाही के कत्ल किया जाना एक आम बात बन गयी।
इतिहासकर #रांनारायन रावत के अनुसार शुरू मे इसमे सिर्फ जाटों ( ये भी भारत मे शासक / क्षत्रिय रह चुके थे ) को सम्मिलित किया गया परंतु बाद मे इसका विस्तार कर #अधिकतर_शूद्रों जैसे #चमार, सन्यासियों और पहाड़ी लोगों को शामिल कर लिया गया / बाद मे इस कानून के अंतर्गत इन पैदायशी अपराधियों मे Bowreahs, Sonareahs, #Binds, Budducks, #Bedyas, #Domes, Dormas, Bembodyahs, Keechuks, Dasads, Koneriahs, Moosaheers, Rajwars, Gahsees, Banjors, Boayas, Dharees, Sowakhyas को भी शामिल कर एक तरह से इनके सामाजिक वहिष्कार को प्रोत्साहित किया गया / शासन के अपराधी तों थे ही /
नोट : MA Sherring के अनुसार बिन्द और मुशहर नमक के निर्माता थे जिस व्यापार पर अंग्रेजों ने 1780 मे ही एकाधिकार जमा कर उनको बेरोजगार कर दिया था / बेड़िया वस्तुओं के लोकल ट्रांसपोरटेर हुआ करते थे /
कालांतर मे Criminal Tribes Act 1931के तहत सैकड़ों हिंदुओं को इस कानून के घेरे मे लाया गया / अकेले मद्रास मे 237 अपराधी जातियों को शामिल किया गया था /
आजादी के बाद इस कानून को 1949 मे खत्म कर 23 लाख लोगों को गैर अपराधी बनाया गया ( 2,300,000 tribals being decriminalised) / 1952 मे नेहरू सरकार ने इस कानून को बादल कर --The Habitual Offenders Act (HOA) (1952) बनाया / और जो पहले से #अपराधी_समुदाय के एक बदनुमा #दाग लेकर जीने को बाध्य थे, उनको denotified tribes नाम देकर, एक और सामाजिक धब्बा उनकी पीठ पर छाप दिया -- अर्थात #विमुक्त_जाति / इस आजाद भारत मे भी ढेर सारे विमुक्त जाति के लोग PASA ( Prevention of Anti - social Activity Act ) के अंतर्गत चिन्हित होते रहे / इन समुदायों के ज़्यादातर लोगो को BPL की स्थिति मे होने के बावजूद इनको SC , ST या OBC के ग्रुप से अभी भी बाहर रखा गया है /
नेशनल ह्यूमन राइट कमिशन ने और UN ने इस कानून को केएचटीएम करने की शिफारिश की थी , क्योंकि इसमे ज़्यादातर नियम कानून Criminal Tribes Act से ही लिए गए हैं / अभी इस कानून की वैधानिक स्थिति क्या है , ये तों मुझे नहीं पता लेकिन इस #विमुक्त_जाति मे 60 मिलियन यानि 6 करोड़ भारतीय लोग शामिल है /
राजभर भी उनमे से एक हैं /
ये मॉडर्न caste System का एक और पोल खोलता है कि इसका भारत से कोई संबंध नहीं है , ये ईसाई अंग्रेजों का भारत को एक उफार है /
विडम्बना ये है कि Annihilation of Caste की कसमें खाने वाले डॉ अंबेडकर को भी भारत के एक बड़े वर्ग पर ये क्रूर अन्याय दिखाई न दिया ?? क्योंकि वे बौद्ध तों 1956 मे बने थे , और स्वतंत्र भारत मे ब्रिटिश कानून की नकल जवाहर लाल ने 1952 मे करके इन लोगों को #पैदायशी_अपराध से 1952 मे #विमुक्त किया था /
चित्र -1 The Thugs Worshipping Kalee (1850, p. 98)[14]
चित्रा - 2 Guru Multhoo Byragee Jogee, Native of Ajmere, aged 90, in jail (1840) जिनको आजीवन कारावास दिया गया था /
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