Saturday 28 November 2015

मोदी जी #स्मार्ट_ग्राम्य समाज बनाइये , स्मार्ट सिटी नहीं /

#‎स्मार्ट_सिटी‬ प्रोजेक्ट और कल की मोदी की ‪#‎नेहरू‬ के प्रसंसा के संदर्भ मे
---------------------------------------------------------------------------------------
मोदी जी ‪#‎स्मार्ट_ग्राम्य‬ समाज बनाइये , स्मार्ट सिटी नहीं , ‪#‎गांधी‬ को अपनाइए , नेहरू को नहीं /
भारत के आर्थिक , ऐतिहासिक , सांस्कृतिक धरोहर और गौरव की यदि बात की जाय तो आपको क्या लगता है , गांधी भारत की आत्मा ,शक्ति गौरव तथा विरासत को ज्यादा समझते थे या नेहरू ' ?
इसमे मतभेद हो सकता है आपका मुझसे /
लेकिन विश्व मे भारत और एशिया के आर्थिक योगदान को यदि देखें ,और औपनिवेशिक लूट और भारत की आर्थिक बदहाली बेरोजगारी भुंख अकाल मौत के कारणों को खोजेंगे तो पाएंगे कि गांधी को भारत की नेहरू से ज्यादा समझ थी , इसीलिए उनका ज़ोर ग्राम्य जीवन , ग्राम्य शिक्षा और ग्राम्य उद्योग को बढ़ावा देने पर रहा है / उनकी अंतिम इच्छा ( will and Tesltament ) जो अपनी हत्या के एक शाम पूर्व उन्होने लिखी थी उसे पढ़ें : http://www.gandhi-manibhavan.org/eduresources/article15.htm
अब एक चार्ट देखें इस लिंक मे, 0 AD से 2000 AD तक का विश्व के आर्थिक हिस्सेदारी का: http://www.economist.com/…/2012/06/mis-charting-economic-hi…
एशिया के योगदान को एक वाक्य मे भी खारिज किया जा सकता है यथा - I'm guessing that your first question, if you started scanning from the left, is: Wait, India was by far the biggest economy at the dawn of AD? Yup, India.
In Year 1, India and China were home to one-third and one-quarter of the world's population, respectively. It's hardly surprising, then, that they also commanded one-third and one-quarter of the world's economy, respectively. ( http://www.theatlantic.com/…/the-economic-history-o…/258676/)
इस चार्ट को ध्यान से देखिएगा खास तौर पर भारत के जीडीपी को 1947 के बाद /
नेहरू ने गांधी के ‪#‎ग्राम्य_स्वराज‬ को त्यागकर socialist Model of Development को अपनाया / socialist model , जोकि capitalist model के विरोध मे खड़ा किया था मार्क्स ने /
S. Gurumurthy के अनुसार-" दोनों मोडेल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं" / एक मे व्यक्ति मालिक होता है , दूसरे मे स्टेट / भ्रस्ट दोनों ही हो सकते हैं , ये बताने की जरूरत नहीं है , अनुभव करने की जरूरत है /
दोनों ही मोडेल शहरीकरण (Urbanisation)को बढ़ावा देते हैं / जिसकी अपनी बहुत सारी दिक्कते हैं - स्लम एरिया , सरकार के शहरी संस्थाओं की शहरी लोगों पर तानाशाही कानूनों के पालन की ज़िम्मेदारी आदि / इस संदर्भ मे कुछ विद्वानों का दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रहा हूँ /
- एक राय है कि - Urbanisation is not natural or inevitable. It's being inflicted upon us by the forces of capitalism : http://www.citymetric.com/…/urbanisation-not-natural-or-ine…
- दूसरी राय अर्थशाश्त्र के दो विद्वान ‪#‎मैक्स_वेवर‬ और ‪#‎कार्ल_मार्क्स‬ का है /
जहां मैक्स वेवर कहते हैं कि - “Economically defined, the city is a settlement the inhabitants of which live primarily off trade and commerce rather than agriculture.”
वहीं कार्ल मार्क्स के अनुसार - urbanization is the “natural outcome of the development of the productive forces as well as the launch pad for sustaining that development.” Marx’s approach to urbanization is different than Weber’s in the way that he assigns sort of progressivism on urbanism. Marx rejects the rural and seperates it from his understanding of the city. According to him, urbanization has “rescued a considerable part of population from the idiocy of rural life" :http://zenfloyd.blogspot.in/…/weber-vs-marx-notes-on-urbani…
विश्व मे कैपिटलिज़्म का जन्म यूरोप के द्वारा मिलिटरी ताकत , झूँठ फरेब , निरपराधों की हत्या , और उनके माल असबाव और तकनीक को चुराकर , अपने यहाँ औद्योगिक क्रांति के नाम पर हुआ था /
भारत मे भी 20 वीं सदी मे शहरीकरण को विकास का एक मानक माना गया : https://en.wikipedia.org/wiki/Urbanisation_in_India
मेरी ‪#‎जिज्ञासा‬ ये है कि-" यदि 1947 के बाद भारत मे नेहरू की नीतियाँ देश के विकास के अनुकूल थी तो इस चार्ट के अनुसार भारत से मनी ड्रेन बंद होने के बाद भी, लगातार भारत की विश्व जीडीपी मे हिस्सेदारी 2000 एडी के आस पास तक क्यों कम होती गई ? "
कोई अर्थशाश्त्री इस प्रश्न का जबाब दे /
एक निष्कर्ष तो ये है कि - शहरीकरण द्वारा औद्योगिक क्रांति उन देशों के लिए अनुकूल हो सकते हैं , जिनके पार अपार प्रकृतिक संसाधन है , लेकिन मानव संसाधन बहुत सीमित हैं , जैसे यूरोप अम्रीका / लेकिन अभी कल ही Sunil Saxena ने एक बात बताई है कि अब अम्रीका मे रहने वालों की मुश्किले सरकार किस तरह बढ़ा रही है - https://www.facebook.com/sunil.saxena.7505
लेकिन भारत के लिए भारतीय मोडेल लागू करना होगा , भले ही उसका आधुनिकीकरण करके करना पड़ेगा / जो मोडेल 2000 साल से विश्व पर आर्थिक शासन कर सका , उसमे कुछ तो रहा होगा ?
तो मोदी जी #स्मार्ट_ग्राम्य समाज बनाइये , स्मार्ट सिटी नहीं /
नोट - चार्ट नीचे कमेंट बॉक्स मे प्रस्तुत किए गए है / मेरी जिज्ञासा अगर समझ न पा रहे हों तो बेझिझक लिखें /

No comments:

Post a Comment