एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति
Ekam sat vipra bahudha vadanti
Ekam sat vipra bahudha vadanti
The Truth is one, the wise express it in numerous ways
(Rg Veda Samhita, 1.164.46)
अर्थात ब्रम्ह ईश्वर / अल्लाह / God एक ही सत्य का नाम है , विप्र (वेदज्ञ ) उसको अन्य अन्य नामों से पुकारते हैं / ऋग्वेद के अगर इस श्लोक से उपजे मंत्र को यदि विश्व अपना ले , तो विश्व शांति एक कल्पनातीत विषय नहीं है , लभ्य है , प्राप्य है /
लेकिन मूलभूत फर्क सनातन मे और अब्राहमिक धर्मों मे ये है कि सनातन तो - सर्वे भवन्तु सुखिनः , और वसुधइव कुटुंबकम को स्वीकारता है , और सभी धर्मों को सच्चा धर्म मानता है , लेकिन क्या बाकी के धर्म भी दूसरों को उनका स्थान और सम्मान देने को तैयार हैं ?
सनातन परंपरा मे जब एक बालक उपनयन के बाद शिक्षा के लिए गुरु के पास जाता है , और उसकी जिज्ञासा होती है तो गुरु से पूंछता है -- " अथातो ब्रह्मजिज्ञासा " , अर्थात गुरुवार मुझे ब्रर्म्ह को जानने के बारे मे जिज्ञासा है / तो गुरु उसको विद्याअध्ययन तप शील ज्ञान गुण और धर्म की शिक्षा देते हैं / लेकिन शिष्य कहता है कि _" गुरुवर अब तो मेरे जिज्ञासा शांत करो " /
तब गुरु एक दिन कहते हैं - तद त्वं असि / जिसकी खोज मे तुम जिज्ञासु और आतुर हो वो तुम्हारे भीतर ही है , यानि वो ब्रामह तुम्ही हो / और फिर उसको ब्रंहत्व की प्राप्ति का मार्ग बताते है - यम नियम तप योग इत्यादि /
और एक समय जब वो शिष्य जगत के सत और मिथ्या का ज्ञान प्रपट कर समदर्शी ब्रंहत्व को प्राप्त कर लेता है तो वो कहता है कि - " अहं ब्रम्हाष्मि " /
लेकिन अब्राहमिक मजहब और रेलीजन मे ब्रम्ह को प्राप्त करने का सिद्धान्त नहीं है , और न ही ये गुरु शिष्य परंपरा है / अल्लाह या God के द्वारा चुने हुये व्यक्ति पैगंबर / प्रॉफ़ेट के माध्यम से , वो परंबरमह अपने लोगों के लिए एक संघिता बद्ध संदेश प्रेषित करता है , जिसका पालन करना ही उसका मजहब और रेलीजन है / इस्लाम मे पैगंबर (PUBH) अल्लाह के द्वारा बताए मार्ग पर चलने का आदेश देता है , और वहीं इसाइयत मे जीसस प्रॉफ़ेट की शरण मे जाकर उन गुनाहों की माफी मिल सकती है (Redemption From Sin ) जिसका श्राप God ने उसकी आज्ञा के अनुपालन न करके ज्ञान का फल खाने के कारण ( Fruit From Tree Of Knowledge ) ईव को दिया था, कि इस अपराध के कारण तुम्हारी संततियाँ पैदायशी पापी (Sinner by Birth ) होंगी /
अब्राहमिक रेलीजन की सभी शाखाओं का ये क्लैम, कि उनका रेलीजन ही सच्चा रेलीजन है , आज दुनिया के गले की फांस बना हुआ है /
अब ये ब्लॉग पढे - http://tribhuvanuvach.blogspot.com/2015/10/blog-post_22.html
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