Monday 3 August 2015

India In Bondage - J Sunderland part -2

भारत के ब्रिटिश शासन के बारे मे अमेरिका के लोग समझते हैं कि ये एक महान और निर्विवाद शासन है / अंग्रेज़ इस बात को गर्व के साथ प्रचारित करने मे कभी पीछे नहीं रहते कि वे भारतीयों के भले के लिए क्या क्या कर रहे हैं / लेकिन अमेरिका मे हमे जो भी बात पता चलती है वो ब्रिटिश स्रोतों से पता चलता है , इसलिए ज़्यादातर अमेरीकन इस बात की आशंका भी नहीं करते कि इस कहानी का कोई दूसरा पक्ष भी हो सकता है / लेकिन भारत के लोग ये दावा करते हैं, जिसमे दम भी है , कि इसका दूसरा पक्ष भी है, जो ब्रिटिश लेखकों के इस झांसे के पीछे के कडवे सच को उजागर करता है /
जिस तरह अमेरिका के दक्षिणी प्रान्तों मे जब chattelslavery प्रचलित थी , और जब तक उसकी कहानी गुलामों के मालिकों के मुह से सुनने को मिलता था , तब तक ये लोगों को लगता था कि ये गुलामों के लिए हितकर व्यवस्था थी / लेकिन इस प्रथा की पवित्रता तभी तक बरकरार रह पायी ,जब तक उन गुलामों को अपनी बात कहने का मौका नहीं मिला था , उन गुलामों का पक्ष सामने आते ही इस प्रथा का असली चरित्र उजागर हो गया /
                              (India in Bondage । पेज – 3 )
भारत के लोग जिन समस्यावों से आज जूझ रहे हैं उसको पूरी तरह समझने के लिए हमे भारत और इंग्लैंड के बीच के सम्बन्धों को समझना पड़ेगा / ग्रेट ब्रिटेन के पास colonies और dependencies दोनों है / और बहुत से लोग दोनों को एक ही चीज समझते हैं / लेकिन ऐसा है नहीं / कोलोनियां स्वायत्त- शाशी हो सकती हैं – ऐसी 6 कॉलोनियाँ जो ब्रिटेन के कब्जे मे हैं , वो हैं – कनाडा ऑस्ट्रेलिया न्यू ज़ीलैंड , साउथ अफ्रीका , न्यूफाउंडस्टेट और आयरिश फ्री स्टेट / लेकिन अन्य ब्रिटिश कॉलोनियाँ स्वायत्तशासी नहीं हैं / वो Dependency हैं / पहले भी बताया जा चुका है कि भारत एक Dependency है /
    इंग्लैंड से पूर्णतया परिचित होने और कनाडा मेन कुछ साल निवास करने के कारण  मैं पूर्णतया इस बात पर भरोसा करता हूँ कि विश्व मे कोई भी सरकार ब्रिटेन के उन स्वायत्तशासी कॉलोनियों से ज्यादा स्वतंत्र हैं , जो शासित लोगों के इच्छा के अनुकूल उनके बहुतेरे हितों और जरूरतों को पूरा करती हैं / ये एक सम्पूर्ण रेपुब्लिक कि तरह स्वतंत्र है / संभवतः वो USA के नागरिकों की  तरह स्वतंत्र नहीं हैं , लेकिन ये कहना अतिसियोक्ति नहीं होगा कि वे लगभग उतने ही स्वतंत्र है / उनका अपनी ब्रिटेन से संबंध बलात और शोसन का न होकर एक सदेक्षा का संबंध है , जिसका आधार आदर और प्रेम है / और ब्रिटिश सरकार जो स्वतन्त्रता देती है वो बधाई और सम्मान का सूचक है /
लेकिन जब आप ब्रिटेन की फ्री कॉलोनियों के बजाय उसके Dependencies पर नजर डालें तो पता चलता है कि ब्रिरिश के अन्य राजनीतिक संस्थाओं जैसा प्रकृतिक संबंध उनसे नहीं है / ब्रिटिश जनता अपने झंडे को आजादी का झण्डा कहती है / वे अपने अलिखित संविधान की बात करते हैं जो कि पूरे विश्व मे ब्र्तिश शासित जनता के सम्पूर्ण आजादी की गारंटी प्रदान करता है / मैग्ना करता का मतलब ही होता है अंग्रेज़ लोगों के लिए स्वायत्त शासन / Cromwell ने इंग्लिश संसद कि पवित्र पुस्तक मे लिखा कि – ईश्वर के न्यायपूर्ण शासन सारे अधिकार लोगों कि सहमति से प्रपट किए जाते हैं “ / उस दिन से ये सिद्धान्त ब्रिटेन के घरेलू राजनीति का निर्विवाद केंद्रीय और मूलभूत सिद्धान्त रहा है / कॉलोनियों मे इसको लागू करने मे समय लगा / अमेरिका कि कॉलोनियों ने 1776 मे इस बात पर अपना रुख स्पस्त कर दिया / “ असली सरकार जनता की सहमति प ही आधारित होती है” / “ बिना प्रतिनिधित्व के कोई टैक्स नहीं दिया जाएगा / यदि ब्रिटेन अपने स्वतन्त्रता के सिद्धान्त और स्वायत्त शासन पर खरी उतरती तो 1776 मे सारी अमेरीकन कॉलोनियाँ उसके कब्जे मे रहतीं / लेकिन वो उन पर खरी नहीं उतरी और उसने उनको गवाँ दिया / बाद मे कनाडा उसके हांथ से जाते जाते बचा / उसकी अंखे खुली और कनाडा को उसने स्वतंत्र किया और स्वायत्त शासन कि मंजूरी दी/ इसने कनाडा मे होने वाले विद्रोह को रोका और आज उनके संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं / कनाडा मे इस प्रयोग के बाद , ब्रिटेन मे तयशुदा सिद्धान्त बन  गया कि चाहे ब्रिटेन की फ्री कॉलोनियाँ हों या डॉमिनियन स्टेट या घरेलू राजनीति , कोई भी शासन तब तक उचित नहीं ठहराया जा सकता जिसका आधार शासितों की सहमति पर न आधारित हो /
  लेकिन हम इन सिद्धांतों का प्रयोग वहाँ किस तरह कर रहे हैं , जहां Dependies की बात आती है ? क्या वहाँ दूसरे सिद्धांतों का पालन किया जाएगा ? क्या वहाँ के लोगों की अनुमति के शासन करना उचित है ? क्या इंग्लैंड और कनाडा के लिए एक सिद्धान्त होगा  और भारत के लिए दूसरा ? यही विश्वास और भरोसा था कि जो न्याय इंग्लैंड और कनाडा के लिए उचित है वही न्याय हर जगह लागू होना चाहिए , इसी ने Froude को ये कहने के लिए बादधी किया कि , “ स्वतंत्र देश गुलाम देशों पर  शासन नहीं कर सकते /

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