Saturday 16 May 2015

भारत एक कृषिप्रधान देश था/ हैं, ये हमको मार्कसवादी चिन्तकों ने पढाया / इस झूठ के ढोल मे कितना बडा पोल है ??

देश को उद्योंगों की क्यों जरूरत हैं ?
भारत एक कृषिप्रधान देश था/ हैं, ये हमको मार्कसवादी चिन्तकों ने पढाया / इस झूठ के ढोल मे कितना बडा पोल है ??

हमें पढाया गया कि भारत एक अध्यात्मिक और कृषि प्रधान देश था लेकिन ये नहीं बताया कि भारत विश्व कि 2000 से ज्यादा वर्षों तक विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति थी / angus Maddison और paul Bairoch अमिय कुमार बागची और Will Durant जैसे आर्थिक और सामाजिक इतिहास कारों ने भारत की जो  तस्वीर पेश की , वो चौकाने वाली है /
Will Durant ने 1930 मे एक पुस्तक लिखी Case For India। ये इलहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफ लाल बहादुर वर्मा के अनुसार दुनिया के आ तक सबसे ज्यादा पढे जाने वाले writer हैं और निर्विवाद हैं / इनको अभी तक किसी ism में फित नहीं किया गया है / उन्हीन की पुस्तक के कुछ अंश कि भारत को क्यों उद्योगों को बढ़वा देना चाहिये अपना स्वर्णिम आर्थिक युग वापसी के लिये ?? और उसका खुद का मॉडेल होना चाहिये न कि अमेरिका या यूरोप कि नकल करनी चाहिये /

" जो लोग आज हिंदुओं की अवर्णनीय गरीबी और असहायता आज देख रहे हैं , उन्हें ये विस्वास ही न होगा ये भारत की धन वैभव और संपत्ति ही थी जिसने इंग्लैंड और फ्रांस के समुद्री डाकुओं (Pirates) को अपनी तरफ आकर्षित किया था। इस " धन सम्पत्ति" के बारे में Sunderland लिखता है :---
" ये धन वैभव और सम्पत्ति हिंदुओं ने विभिन्न तरह की विशाल (vast) इंडस्ट्री के द्वारा बनाया था। किसी भी सभ्य समाज को जितनी भी तरह की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्ट के बारे में पता होंगे ,- मनुष्य के मस्तिष्क और हाथ से बनने वाली हर रचना (creation) , जो कहीं भी exist करती होगी , जिसकी बहुमूल्यता या तो उसकी उपयोगिता के कारण होगी या फिर सुंदरता के कारण, - उन सब का उत्पादन भारत में प्राचीन कॉल से हो रहा है । भारत यूरोप या एशिया के किसी भी देश से बड़ा इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग देश रहा है।इसके टेक्सटाइल के उत्पाद --- लूम से बनने वाले महीन (fine) उत्पाद , कॉटन , ऊन लिनेन और सिल्क --- सभ्य समाज में बहुत लोकप्रिय थे।इसी के साथ exquisite जवेल्लरी और सुन्दर आकारों में तराशे गए महंगे स्टोन्स , या फिर इसकी pottery , पोर्सलेन्स , हर तरह के उत्तम रंगीन और मनमोहक आकार के ceramics ; या फिर मेटल के महीन काम - आयरन स्टील सिल्वर और गोल्ड हों।इस देश के पास महान आर्किटेक्चर था जो सुंदरता में किसी भी देश की तुलना में उत्तम था ।इसके पास इंजीनियरिंग का महान काम था। इसके पास महान व्यापारी और बिजनेसमैन थे । बड़े बड़े बैंकर और फिनांसर थे। ये सिर्फ महानतम समुद्री जहाज बनाने वाला राष्ट्र मात्र नहीं था बल्कि दुनिया में सभ्य समझे जाने वाले सारे राष्ट्रों से व्यवसाय और व्यापार करता था । ऐसा भारत देश मिला था ब्रिटिशर्स को जब उन्होंने भारत की धरती पर कदम रखा था ।"
    ये वही धन संपत्ती थी जिसको कब्जाने का ईस्ट इंडिया कंपनी का इरादा था / पहले ही 1686 में कंपनी के डाइरेक्टर्स ने अपने इरादे को जाहिर कर दिया था --" आने वाले समय में भारत में विशाल और सुदृढ़ अंग्रेजी राज्य का आधिपत्य जमाना " / कंपनी  ने हिन्दू शाशकों से आग्रह करके मद्रास कलकत्ता  और बम्बई में व्यवसाय के केन्द्रा स्थापित किये , लेकिन उनकी अनुमति के बिना ही , उन केन्द्रों मे ( जिनको वो फॅक्टरी कहते थे ) उन केन्द्रों को गोला बारूद और सैनकों सेसुदृढ़ किया /

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