Friday 15 May 2015

भारत के ऐतिहासिक सम्पन्नता का वर्णन : इन वस्तुओं का निर्माता कौन था ?? पार्ट - 2

Benjamin Tudela नाम का स्पेनिश यहूदी जिसने अपनी यात्रा 1159 या 1160 में विश्व के बहुतायत जगहों पाए 13 -14 साल की यात्रा पर निकलता है ।उसके पेशे के बारे में तो नहीं पता और न ये पता है कि वो धन कमाने निकला था कि वैज्ञानिक तथ्यों की खोज करने निकला था हाँ उसकी यात्रा वृत्तांत से इतना निष्कर्ष अवस्य निकलता है कि वो विश्व भर में फैले यहूदियों के नैतिक और धार्मिक स्थिति को जानना चाहता था।यद्यपि उसका भारत भ्रमण तुलनात्मक रूप से बहुत कम था उसके बर्लिन के Mr Asher द्वारा किये गए बेहतरीन अनुवादों से निकाले गए कुछ तथ्य यहाँ प्रस्तुत हैं । उसके 136 -143 पेजों से उद्धृत जानकारी नीचे उद्धृत हैं :----
ये (Tigris) नदी नीचे जाकर इंडियन ओसियन में गिरती है (Persian gulf) जिसके बगल में एक Island (टापू) है जिसका नाम किश (Kish) है । इसका फैलाव 6 किलोमीटर है ।यहाँ के निवासी खेतीबाड़ी नहीं करते क्योंकि यहाँ कोई नदी नहीं है मात्र एक झरने को छोड़कर ; ; अतः पीने के लिए बरसाती पानी पर निर्भर हैं ।इसके बावजूद यहाँ बहुत बड़ा बाजार है जहाँ भारत के व्यापारी और इस टापू के निवासी अपना माल लेकर आते है ; और मेसोपोटामिया यमन और पर्शिया के लोग यहाँ से सिल्क छींट के कपडे flax, कॉटन पटुआ , mash (एक तरह की दाल) गेहूं जौ मिलेट राइ और अन्य तरह की वस्तुए यहाँ से आयातित करते हैं, साथ में वे ढेर सारे मसाले भी इम्पोर्ट करते हैं ।और इस टापू के निवासी दोनों तरफ से मिलने वाली brockrage से अपना गुजारा करते हैं ।इस टापू पर 500 यहूदी हैं।
यहाँ से 10 दिन की समुद्री यात्रा के बाद El-Cathif नामक शहर है जहाँ पांच हजार इस्रायली बसते हैं ।इसके आस पास pearls पाये जाते हैं: Nisan के महीने के 24वें दिन (अप्रैल) में बरसात की बड़ी बड़ी बूंदे पानी की सतह पर गिरती हैं जिसको पीकर Reptils अपना मुहं बंद करके पानी की तलहटी में चली जाती हैं : और Thisri (अक्टूबर) के मध्य में कुछ लोग रस्सी की मदद से समुद्र में गोता लगाकर इन Reptiles (सीपी) को इकठ्ठा करते हैं और ऊपर लाकर इनको खोलते हैं और उसमे से Pearls / मोती बाहर निकाल लेते हैं ।
यहाँ से 7 दिन की दुरी पर chulam नामक जगह है जो सूर्य की पूजा करने वालों के अधिकार में है । ये लोग कुश के वंशज हैं , ये एस्ट्रोलॉजी के बहुत शौक़ीन हैं और सबके सब काले हैं ।
ये देश व्यापार के मामले में अत्यंत विस्वास्नीय है , और जबी भी इनके यहाँ कोई भी विदेशी व्यापारी इनके बंदरगाह में दाखिल होता है ,तो राजा के तीन सचिव तुरंत इनकी जहाज की देखभाल और रिपेयरिंग में लग जाते हैं , तथा उनका नाम लिखकर तुरंत राजा को सूचित करते हैं। राजा इनके सामान की सुरक्षा का दायित्व लेता है ,जिसको वो खुले मैदान में बिना किसी रखवाली के छोड़ सकते हैं ।
राजा का एक अफसर बाजार में बैठता है जो इधर उधर गिरी पड़ी लावारिश वस्तुओं को लाकर इकठ्ठा करता है और कोई व्यक्ति जो उन वस्तुओं की minute डिटेल्स बताकर उनको वापस प्राप्त कर सकता है।ये संस्कृति राजा के पूरे साम्राज्य में प्रचलित है।

इसी पुस्तक के पेज 59 - 60 से।

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नोट - इसके विपरीत रोमन साम्राज्य की मुख्य संस्कृति लूटमार (Plunder) गुलामी (Slavery) और सैन्य शक्ति पर आधारित थी ।
और इंग्लैंड का तो जन्म भी नहीं हुवा था , जिसकाल ये वृत्तांत है।

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