Monday, 6 August 2018

Mantra ऑफ गेटिंग #De_Stressed.

Mantra ऑफ गेटिंग #De_Stressed

You are too stressed as you are taking yourself too seriously.

Don't take yourself too seriously. Nobody takes you seriously, as everybody is too self-absorbed and too self obsessed to think about others.Who cares about you except yourself ? No body.
It's you who think that whole world is observing you closely. But it's problem of your मन - भय और शंसय। 

भगवान कृष्ण ने कहा:

प्रकृति क्रियामाणानि गुणै: कर्माणि सर्वश:।
अहंकार विमूढात्मा कर्ता अहम् इति मन्यते।।
(गीता)

कोई भी व्यक्ति प्रकृति के गारे मसाले से तैयार किये गए सॉफ्टवेयर के अनुरूप ही जीवन मे कार्य करता है। उसको इस बात का अहंकार नही होना चाहिए कि ये कार्य वो खुद कर रहा है। इस कर्ता भाव से जीने वाला व्यक्ति प्रकृति के नियमों के विरुद्ध सोच रहा है, इसलिए वो मूढात्मा हैं।
प्रकृति ईश्वर की ही माया है। आप उसी माया का एक हिस्सा हैं। प्रकृति आपकी हार्डवेयर बनाती है और सॉफ्टवेयर भी। सॉफ्टवेयर आपको बनी बनायी मिली है। आप हार्डवेयर को कर्ता समझ रहे हैं जबकि मामला मूलतः उल्टा है। सॉफ्टवेयर में जो एप्प्स हैं वैसे ही हार्डवेयर काम करता है।
तो डि स्ट्रेस्ड होने के लिए कुछ एप्प्स डाउनलोड करना होगा आपको। वरना:

अभी आये अभी बैठे अभी दामन सम्भाला है।
तुम्हारे जाऊँ जाऊँ ने हमारा दम निकाला है।।

Life is too short . And carrying baggage of मद मत्सर on our head corrupts our Software.
लेकिन ये मद मत्सर का बोझा सर पे लद जाना बहुत सहज बात है :
नहिं कोउ अस जन्मा जग माहीं।
प्रभुता पाई काहि मद नाही।।

और फिर
श्रीमद काहि न वक्र करि प्रभुता बधिर न काहि।।

और यही आपको अपने आपको गम्भीरता से लेने को बाध्य कर देती है क्योंकि ये सहज प्रक्रिया है। लेकिन यही स्ट्रेस का मूल कारण भी है।

और स्ट्रेस से मनोमस्तिष्क में शंसय उतपन्न होता है। शंसय से confusion उतपन्न होता है । confusion से cheos पैदा होता है।

Remain what you are.
Don't try to copy anybody.

क्योंकि गीता में कहा गया है कि:

श्रेयांस्वधर्मो विगुणः पर धर्मात सु-अनुष्ठिटात।
स्वधर्मो निधनं श्रेय: परधर्मो भयावह:।।

व्यक्ति को प्रकृति से मिले निज स्वधर्म ( स्वभाव सॉफ्टवेयर) के अनुरूप ही काम करना चाहिए। दूसरे का सॉफ्टवेयर कितना भी उन्नत हो उसकी कोपी नही नही करना चाहिए। क्योंकि नकल असल के मुकाबिले श्रेष्ठ नहीं हो सकता।
अपने सॉफ्टवेयर के अनुरूप कार्य करते हुए यदि हार भी गए तो कोई बात नहीं। क्योंकि आगे पुणः अपना रास्ता खोज सकोगे। क्योंकि ये आपका जाना पहचाना मार्ग है।

लेकिन दूसरे के सॉफ्टवेयर की नकल करते हुए यदि कहीं फंसे तो फिर रास्ता खोजे भी नहीं मिलेगा। क्योंकि आप अनजाने रणक्षेत्र में अनजाने हन्थियार से लड़ने गए हैं इसलिए परिणाम भयावह होंगे।

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