Thursday 26 July 2018

#विचार_क्या_हैं ? #विचार_माइंड_मैनीपुलेशन के टूल

#विचार_क्या_हैं?
विचार आपके पांच ज्ञानेंद्रियों द्वारा एकत्रित की गयी सूचनाओं के डेटा से उपजा आपका निजी अनुभवों पर आधारित एक भाव मात्र है।
इसकी जगह डस्ट बिन है। यह कोई सहेजने लायक वस्तु नहीं है। क्योंकि यह मैनिपुलेट किया जा सकता है।
यह मेरा स्वयम् का कुछ दिन पूर्व का सहज अनुभव है।
हुवा यह कि एक फंक्शन में एक गेस्ट के बारे में मेरे करीबी मित्र ने कुछ ऐसी बात बोली कि स्वतः ही उसके बारे में मेरे मन मे नेगेटिव अवधारणा बन गयी और उस तरह का भाव और विचार भी मन मे पैदा हो गया। 
लेकिन उससे व्यक्तिगत रूप से मिलने से मुझे लगा कि मेरी अवधारणा या विचार उचित नहीं है।
ठीक इसी तरह आपके #माइंड को भी #मैनिपुलेट करना सम्भव है। जिस क्षेत्र के बारे में आप अनभिज्ञ हैं उस क्षेत्र के बारे में आपके माइंड को मैनिपुलेट किया जा सकता है। यहां तक कि आपको फनाटिक भी बनाया जा सकता है। यह 2000 वर्षो की विधर्मी रिलीजन में काफी प्रबल रूप से प्रभावी रहा है और इसने विश्व की मानवता को बहुत हानि पहुंचाई है।
क्योंकि किसी के विचार उसके लिए महत्वपूर्ण होंगे, लेकिन यदि आप उस अनुभव से नहीं गुजरे हैं तो वह कूड़ा से अधिक कुछ भी नहीं है।
विधर्मी आस्थाओं के बारे में और पाश्चात्य दर्शन के बारे में यह काफी सच प्रतीत होता है।
इसी लिए सनातन धर्म मे किसी विचार को न नकारने की बात की गयी है न स्वयम् की अनुभूति से गुजरे बिना स्वीकारने की बात की जाती है।
स्वानुभूति से स्वयम को तथा इस ब्रम्हांड को जानने को ही अध्यात्म कहते हैं।
लेकिन इस अनुभव की तकनीक सीखे बिना और इस क्षेत्र में अपना समय खर्च किये बिना, इसके नजदीक जाना असंभव है।
आप जीवन भर पढ़ने लिखने और सीखने को तैयार रहते हैं, लेकिन क्या ? विषय भोग और विचारों के बारे में। लेकिन अनुभव करने के लिए समय है क्या आपके पास ?

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