1857 की क्रांति के जिन कारणों का आज तक वर्णन हुवा है उनसे मेरा बहुत इत्तफाक नही है ।
भारत के आर्थिक निर्माण उद्योग को 1757 से 1857 तक प्रायः नष्ट किया जा चुका था और करोङो लोग हजारो साल के अपने कृषि और कृषि आधारित मैन्युफैक्चरिंग से बाहर धकेले जा चुके थे।
विल दुरान्त जैसे इक्का दुक्का लेखकों ने इस् क्रांति के लिए आर्थिक कारणों को जिम्मेदार माना है परंतु प्रचलित #कलम_ठग इतिहासकारों ने इस विंदु को छुवा भी नही है।
क्योंकि जिस् तरह बेरोजगारी के कारण भारत की 1/15 आबादी से ज्यादा (15 से 20%) लोग 1850 से 1900 के बीच तथाक्तित famine में इसलिए मृत्यु को वरण करने को बाध्य हुए कि उनकी जेबो में अन्न खरीदने का पैसा भी नही था, और जिस् तरह हर भारतीय उस युद्ध का सिपाही बना, उसको मात्र आर्थिक कारणों से ही व्याख्यायित किया जा सकता है।
जबकि भारत से उपजे अन्न आदि खाद्य पदार्थ जहाँजो में भर भर कर समुद्री लुटेरे ब्रिटेन ले जाते थे और ऐश करते थे।
( लेकिन जिनको इन लुटेरों ने इस हालात में पहुँचाया, वे उन्ही को अपना उद्धारक मानते हैं। )
( लेकिन जिनको इन लुटेरों ने इस हालात में पहुँचाया, वे उन्ही को अपना उद्धारक मानते हैं। )
क्या किसी लेखक ने इस दृश्टिकोण पर प्रकाश डाला है ?
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