आंबेडकर जी आज मेरे बाबा के उम्र के थे ।
मेरे बाबा अशिक्षित थे लेकिन अज्ञानी नही थे ।
मेरे बाबा के बाबा भी अशिक्षित थे लेकिन अज्ञानी नहीं थे ।
लेकिन अम्बेडकर के बाबा शिक्षित भी थे और ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाही भी थे , जिसने मराठा ब्राम्हणों के राज्य के खिलाफ हथियार भी उठाया था ।
आंबेडकर जी ने खुद अंग्रेज खुदाओं को ये बात लिखकर स्वीकार भी किया है ।
आंबेडकर जी के पिता अंग्रेजी सेना में JCO थे ।
किसी भारतीय सिपाही को मिलने वाली सबसे बड़ी पोस्ट ।
अब उसके लौंडे को कौन बाभन था जिसने आर्मी स्कूल में पानी पिलाने से इंकार किया ?
गूगल तो यही बोलता है ।
बाकी आंबेडकर वाड़ी इस पर प्रकाश डालें ।
आंबेडकर का नाम करण उनके ब्राहण शिक्षक ने किया ।
उनको विदेश पढ़ने एक क्षत्रिय राजा ने भेजा ।
ये उन्ही के खिलाफ लिख मारे ।
फ्रस्टेट थे कि अंग्रेजों के एजेंट मात्र थे बाबा ?
1942 से 1945 तक बाबा किसके साथ थे ?
भारत के साथ या भारत के खिलाफ ?
उनकी महानता से प्रभावित लोग उत्तर दे ?
दोगे क्या बे ?
मेरे बाबा अशिक्षित थे लेकिन अज्ञानी नही थे ।
मेरे बाबा के बाबा भी अशिक्षित थे लेकिन अज्ञानी नहीं थे ।
लेकिन अम्बेडकर के बाबा शिक्षित भी थे और ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाही भी थे , जिसने मराठा ब्राम्हणों के राज्य के खिलाफ हथियार भी उठाया था ।
आंबेडकर जी ने खुद अंग्रेज खुदाओं को ये बात लिखकर स्वीकार भी किया है ।
आंबेडकर जी के पिता अंग्रेजी सेना में JCO थे ।
किसी भारतीय सिपाही को मिलने वाली सबसे बड़ी पोस्ट ।
अब उसके लौंडे को कौन बाभन था जिसने आर्मी स्कूल में पानी पिलाने से इंकार किया ?
गूगल तो यही बोलता है ।
बाकी आंबेडकर वाड़ी इस पर प्रकाश डालें ।
आंबेडकर का नाम करण उनके ब्राहण शिक्षक ने किया ।
उनको विदेश पढ़ने एक क्षत्रिय राजा ने भेजा ।
ये उन्ही के खिलाफ लिख मारे ।
फ्रस्टेट थे कि अंग्रेजों के एजेंट मात्र थे बाबा ?
1942 से 1945 तक बाबा किसके साथ थे ?
भारत के साथ या भारत के खिलाफ ?
उनकी महानता से प्रभावित लोग उत्तर दे ?
दोगे क्या बे ?
सर जी...,
ReplyDeleteआप नही समझोगे जातीय दंश को क्योकि जहां आप संवेदन शील होना नही चाहते वहाँ तर्कशील बन जाते है और जहाँ तर्क शील बनना चाहिए वहां आप श्रद्धाशील बनते है.
अम्बेडकर जी की प्रथम जीवनी लिखने। वाले श्री धनंजय कीर स्पष्ट रूप से स्विकार करते है की उनके साथ भेदभाव हुआ था यह खुद कीर से औपचारिक बातचीत में आंबेडकरजी ने बताया था.(विदित हो कीर ने आंबेडकर जी का चरित्र 1953 में लिखा है )
जिन आर्य समाजी राजा सयाजी राव ने शिष्यवृति प्रदान करके आंबेडकरजी को विदेश भेजा वह प्रथम म.फुले जी के परम् अनुयायी थे.
यदि अम्बेडकर सरनेम एक ब्राम्हण शिक्षक की देन है तो आज कल अम्बेडकर सरनेम का कोई ब्राम्हण क्यों नही मिलता ??
अम्बेडकर साहब वैसे कोंग्रेस के मन्त्रीमण्डल में भी थे तो क्या वह कोन्ग्रेस के एजंट थे??
जिस प्रकार उन्होंने नेहरू के मंत्री मण्डल से इस्तीफा दिया था उसी प्रकार व्हाइसराय के मन्त्रीमण्डल से 1946 में इस्तीफा दिया था.
आपके हर प्रश्न को उत्तर देना उचित भी न हो फिर भी अम्बेडकर जी का इस देश के निर्माण में सब से अधिक योगदान है चाहे रिजर्व बैंक का गठन हो ,इलेक्शन सिस्टम ,इरिगेशन ,डैम निर्माण,कामकाजी महिला ओ का हित रक्षण,सबसे अधिक देश के 50% लोगो का हित रक्षण . मुझे नही लगता की आप अम्बेडकर जी के देश योगदान पर कुछ दो टूक बाते लिक सकते है.