Sunday, 5 June 2016

सती और अछूत ? सती को खत्म किया , और अछूत पैदा किया अंग्रेजों ने /

अचानक एक बात दिमाग मे कौंधी -‪#‎सती‬ और ‪#‎अछूत‬
अग्रेज़ बहादुर भारत का जब उद्धार करने आया तो असभ्य और जाहिल हिंदुओं के हिन्दू धर्म मे व्याप्त बुराइयों को खत्म कर उनको सभ्य बनाने के लिए भांति भांति के कानून बनाए /
उसमे शुरुवाती सालों मे ‪#‎सती_प्रथा‬ खत्म करने का कानून बनाया / राजराम राम मोहन राय को उन्होने अपना पहला पिछलग्गू बनाया , जिनको उन्होने भरपूर सम्मान दिया, और इस बर्बर प्रथा का खत्म करने का क्रेडिट भी दिया / अंत मे वे अपमी मात्रिभूमि को छोडकर इंग्लैंड चले गए , और वही पर अपने प्राण त्यागे /
हिंदुओं को जाहिल प्रमाणित करके इसाइयों को श्रेष्ठ साबित करने का ध्येय पूरा करने का वो पहला चरण था / एक भारतीय को ही उसका नायक बनाकर /
ऐसा नहीं है कि ये प्रथा नहीं थी / क्योंकि इसका जिक्र मध्यकालीन यूरोपीय यात्रियों के यात्रा वृतांत मे मिलता है / और आज भी भारत के जिलों मे दो चार सत्ती का चौरा के नाम से स्थापित पूज्य स्थल मिल जाएँगे / ( इसके कारण को व्याख्यायित नहीं करूंगा , लेकिन तुर्क मोघल और जौहर से लिंक जोड़ सकते हैं )/
स्वतन्त्रता के बाद 1862 मे आईपीसी नामक कानून बनाया , जिसकी धारा 124 ए के तहत - "कोई भी व्यक्ति जो स्थापित सरकार के विरुद्ध लिखे बोले या सोचे या otherwise , उसको सरकारद्रोही माना जाएगा", और उसकी सजा आजीवन कारावास से फांसी तक हो दी जा सकती है /
और उन सभ्य लोगों ने लाखों करोनो जाहिल हिन्दुओ और कुछेक मुसलमान नौजवानों को इन सजाओ से सम्मानित भी किया /

लेकिन आश्चर्य है कि उन्होने हिंदुओं मे व्याप्त उससे भी भयानक प्रथा ‪#‎अछूतपन‬ को खत्म करने का कोई कानून नहीं बनाया ?
क्यों नहीं उन अंग्रेज़ लाट बहादूरों ने इस बुराई को खत्म करने का कानून बनाया ?
बल्कि उन्होने तो किसी सरकारी गजेट मे #अछूत शब्द का प्रयोग ही नहीं किया /
फिर उन्होने एक भारतीय को अपना पिछलग्गू बनाया , राजामोहन राय की ही तर्ज पर /
इस बार उनका निशाना इस बार थे , तत्कालीन भारत मे सबसे ज्यादा माइकाले विधा मे शिक्षित और दीक्षित - बाबा साहेब अंबेडकर जी /
उन्होने डॉ अंबेडकर के मुह से वो बात निलवाया जिसको वे स्वयं नहीं बोल सकते थे /
1921 की जनगणना मे एक नया शब्द शामिल किया गया -‪#‎Depressed_Class‬ , लेकिन इसकी व्याख्या नहीं की , कि इस शब्द के मायने क्या हैं ?
लेकिन साइमन कमिशन , जिसका विरोध पूरे भारत ने किया था , और जिसके विरोध मे भारत के ‪#‎लाल‬ , लाजपत राय की अंग्रेजों ने हत्या की थी , उसी ने मि डॉ अंबेडकर को मिलाकर depressed Class को अछूत घोसित करवाया /
और डॉ अंबेडकर ने लोथीयन कमेटी की रिपोर्ट मे जो स्पर्शनीय थे उनको भी काल्पनिक अशपृशय ( Notional Untouchable ) घोसित किया /

‪#‎पर्दे_के_पीछे_का_हाल‬ : ये व्यावसायिक समुद्री डकैत जब भारत मे आए तो भारत पूरी दुनिया का सबसे धनी देश था / और इसका हिस्सा 1750 मे विश्व की जीडीपी का 25 % था , जबकि ब्रिटेन और अम्रीका मात्र 2 % जीडीपी के हिस्सेदार थे /
लेकिन सभ्य अंग्रेज़ ने जो लूट अत्याचार , भारतीय धन का अपने देश मे संग्रह करके भारतीय मैनुफेक्चुरिंग को नष्ट किया तो हजारों साल से विश्व के 25 से 35 % जीडीपी का मालिक 1900 आते आते मात्र 2% जीडीपी का मालिक बचा , और डकैत लोग 43% के मालिक /
1750 से 1900 के बीच भारत के जीडीपी के 700 % निर्माता बेरोजगार हो जाते हैं /
1875 से 1900 के बीच भारत के यही निर्माता और उनके वंशजों तथा छोटी जमीन जोत वाले किसानो मे से 2.5 से 3 करोड़ भारतीय अन्न के अभाव मे भूंख से मर मर जाते हैं / यानि तत्कालीन भारत कि 10 प्रतिशत आबादी / ऐसा नहीं था कि अन्न की कमी थी , भारत से उस समय भी अन्न ब्रिटेन एक्सपोर्ट होता था /

अब जो बाकी बचे इनके वंशज रहे होंगे , उनका रहन सहन ,खान पान , सुचिता और स्वछता का क्या हाल रहा होगा ?
अगर वे अछूत न होते तो क्या होते ?
लेकिन ‪#‎अंबेडकर‬ जी नारद स्मृति , मनुस्मृति और वेद रामायण और महाभारत मे इसका कारण खोजते रहे /
अब क्या बोलें इतने पढे लिखे सम्मानित आदमी को /
और जहां तक अंग्रेजों के अछूतपन को खत्म न करने का कोई कानून न बनाने का प्रश्न है , तो अपने ही कर्मों से पैदा किए गए रचना या निर्मित वस्तु या संस्कृति से सबको प्यार होता है / तो अंग्रेज़ क्यों बनाते अछूतपन के खिलाफ ?
कुछ चित्र प्रस्तुत है उस समकाल का जब भारत की दस प्रतिशत आबादी मात्र 25 साल मे भूंख से मर गई /
 Tribhuwan Singh's photo.  Tribhuwan Singh's photo.  Tribhuwan Singh's photo.Tribhuwan Singh's photo.
 

2 comments:

  1. सती के सन्दर्भ में एक प्रश्न है ! इतना तो समझ आया की तुर्क-मुग़ल की महिलाओं को बलपूर्वक अपने हरम में भर्ती करने से ये प्रथा चलन में आई होगी ! तो ये शास्त्र-जनित प्रथा नहीं है वरन सामाजिक-राजनैतिक उथल-पुथल के चलते अस्तित्व में आई ! क्योंकि पुराणों में जिन माता 'सती' का वर्णन आता है वे जब अग्निमग्न हुई तो उनके पति भगवान शिव तो जीवित थे !

    मध्य-युगीन यूरोप में आज़ाद विचारों वाली महिलाओं को डायन बता कर जिन्दा जला दिया जाता था ! क्या ऐसा हो सकता है उसी प्रथा को अंग्रेजों ने यहाँ लाद दिया हो ? बढ़ा-चढ़ा के बताया हो ?

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  2. श्रीमान जी..,

    क्या आप बता सकते है की आज अछूत पण जो कानूनन जुर्म घोषित है देश अछूत मुक्त बन गया है..??

    जबकि अब भी नही बदला है तो उस वक्त आप की बीती चौथी पीढ़ी क्या घण्टा सुधार लाती ..??
    सुधार अपनी दिमाग में होता है श्रीमान जी ,
    कानून तो एक जरिया है मात्र .
    आज जैसे अछूत पण समाज में अलग रूप से जीवित है वैसे ही अगले 50 साल तक जीवन्त रहेगा तब भी किसी ब्रिटिशर्स को देश में अछूतपन दिखाई नही देगा .
    गुलामो को गुलामीपन से छुटकारा पाने की इच्छा नही है तो दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें मुक्त नही कर सकती है.

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