किसी भी उन्नत समाज और देश के निर्माण हेतु सनातन काल से लेकर आज तक चार शक्तियों की आवश्यकता होती है
- मेधा शक्ति
- रक्षा शक्ति
- वाणिज्य शक्ति
और
-श्रम शक्ति ।
इसी को आप ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र में विभाजित कर सकते है ।
यही है #वर्ण_धर्म_आश्रम व्यवस्था ।
ये सारे एक दुसरे से ऊपर नीचे नही ।
एक दूसरे के समकक्ष हैं ।
एक दूसरे से ऊपर नीचे नही ।
जो हमको अंग्रेज और मैकाले पुत्रो ने बताया है ।
- मेधा शक्ति
- रक्षा शक्ति
- वाणिज्य शक्ति
और
-श्रम शक्ति ।
इसी को आप ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र में विभाजित कर सकते है ।
यही है #वर्ण_धर्म_आश्रम व्यवस्था ।
ये सारे एक दुसरे से ऊपर नीचे नही ।
एक दूसरे के समकक्ष हैं ।
एक दूसरे से ऊपर नीचे नही ।
जो हमको अंग्रेज और मैकाले पुत्रो ने बताया है ।
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