Sunday 5 June 2016

जवाहरलाल नेहरू के वरासत पर प्रश्ञ्चिंह क्यो नहीं उठ सकता ?

जवाहर लाल नेहरू गंगाधर नेहरू के संदर्भ मे विकिपीडिया मे छेड़खानी के संदर्भ मे
इधर एक विवाद खड़ा हुआ है इस संदर्भ मे कि विकिपेडिया मे नेहरू के बाबा गंगाधर नेहरू के संदर्भ मे सरकार के किसी कारिंदे ने छेड्खानी किया / ये सही है या गलत इस पर विवाद हो सकता है ; लेकिन देश को इस बात को जानने का हक है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री की वल्दियत का रहस्य क्या है ? वो हिन्दू थे या मुसलमान थे , मुद्दा ये नहीं है ; मुद्दा है पहचान और वल्दियत की सच्चाई का पता लगाने का / https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=newssearch&cd=7&cad=rja&uact=8&ved=0CDsQqQIoADAG&url=http%3A%2F%2Fwww.prabhatkhabar.com%2Fnews%2Fdelhi%2Fpandit-jawaharlal-nehru-wikipedia-hank-panky-grandfather-gangadhar-muslim%2F498556.html&ei=nWeXVe6MLIWOU-2lrMgC&usg=AFQjCNGF0zaUmEoy53Fr6pZEJsvBpwwb_A&sig2=XoHu-Cu1znf7DmyRVcVaWA&bvm=bv.96952980,d.d24
और संदेह के बीज जवाहर लाल नेहरू की आत्मकथा मे लिखे उनके संस्मरण और बाद की घटनाओं ने ही बोया है ; किसी अन्य ने नहीं / इसको बिन्दुवार तरीके से रखना चाहता हूँ , और आपकी राय जानना चाहता हूँ /
(1) पंडित जवाहरलाल ने अपनी आत्मकथा मे लिखा कि उनके पूर्वज जब कुछ पीढ़ियों पहले कश्मीर से दिल्ली आए थे और उस समय उनका टाइटल
“ कौल ” था क्योंकि वे कश्मीरी ब्रामहन थे / लेकिन मुग़लो के वंशज फखरूस्सियर उनको जबर्दस्ती कश्मीर से दिल्ली लाये , और उनको एक जगह पर बसाया जिसके बगल मे नहर थी / इसलिए उनकी टाइटल कौल से बदल कर नेहरू हो गईं / उस नहर का नाम क्या था , ये लिंक गायब है / नहर से अगर टाइटल आई तो नहरू होगा कि नेहरू ? मने बनारस से कोई टाइटल बनेगी तो बनारसी कि बेनारसी ? प्रतापगढ़ से परतापगढी कि पेरतापगढ़ी ?
(2) नेहरू जी ने खुद लिखा कि उनके बाबा गंगाधर नेहरू 1857 के संघर्ष के कुछ समय पूर्व तक बहादुर शाह जफर के शासन मे दिल्ली के कोतवाल थे / तो साहब मेरा प्रश्न ये है कि मुग़लों ने कभी भी आंतरिक सुरक्षा के लिए अजलफ मुसलमानों पर भी भरोसा नहीं किया तो हिंदुओं पर कैसे करती ? हिन्दुओ मे भी एक कश्मीरी ब्रामहन पर ? कोई क्षत्रिय शायद मुग़लों की राजधानी दिल्ली का कोतवाल हो तो एक बार बात हजम भी हो जाय ( क्योंकि चाहे अनचाहे मुग़लो और क्षत्रियों का कुछ सम्झौता हुआ ही था ) लेकिन एक ब्रामहन को राजधानी का कोतवाल बनाया हो मुग़लों ने , ये बात हजम नहीं होती /
चलिये मान भी लें कि गंगाधर नेहरू दिल्ली के कोतवाल थे तो नेहरू के मुह और कलम से निकली बात के अलावा कोई तथ्यात्मक प्रमाण क्यों उपलब्ध नहीं है ?
https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=1&cad=rja&uact=8&ved=0CC0QFjAA&url=https%3A%2F%2Fen.wikipedia.org%2Fwiki%2FGangadhar_Nehru&ei=N1uXVde_DcTnUrDBrLgC&usg=AFQjCNGL0y2Dm68b49DlAewqz2ay7yu18A&sig2=Z3WKD_AiprVLIfjlp9sLRw&bvm=bv.96952980,d.d24
(3) जवाहर लाल ने गंगाधर नेहरू की वेषभूषा जो वर्णन अपनी जीवनी मे किया है , जरा उस पर गौर फरमाये / उन्होने लिखा है कि उनकी वेषभूषा मुस्लिम नवाब जैसी थी और (जो एक मात्र फोटो उपलब्ध है ) मुघलिया दाढ़ी और मुघलिया पगड़ी , तथा उनके दोनों हाथो मे कटार थी / क्या ये किसी कश्मीरी ब्रामहन की वेषभूषा से मिलान करता है ?
(4) आज आप देखेंगे कि दसियों पीढ़ी से विस्थापित हुये लोग जो भारत और विश्व के बिभिन्न कोनों मे मिलते है , चाहे वो बंगाली हो पंजाबी या दक्षिणी भारतीय, वे अपनी मूल विरासत की कुछ न कुछ चीजें , सार्वजनिक जीवन मे न सही लेकिन व्यक्तिगत जीवन मे जरूर उनका अभ्यास जरूर करते रहते हैं / जैसे भाषा और भोजन / क्या मोतीलाल या जवाहर लाल ने कभी कश्मीरी भाषा मे कभी बात किया या एक भी पैराग्राफ लिखा ? कोई जिक्र है उनके जीवन मे इस बात की ? और न भोजन की किसी कश्मीरी डिश का ? अगर आपको पता हो तो मेरा ज्ञानवर्धन करें /
(5) नेहरू का जन्म 1889 मे इलाहाबाद के रेड लाइट एरिया मीरगंज मे हुआ था / आनन्द भवन मोतीलाल नेहरू ने 1899 मे खरीदा था / https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=1&cad=rja&uact=8&ved=0CB0QFjAA&url=http%3A%2F%2Fwww.thehindu.com%2Fnews%2Fnational%2Fother-states%2Fmirganjs-stigma-hangs-heavy-over-nehrus-birthplace%2Farticle5356321.ece&ei=uV-XVaydBsSnU8CGh_gK&usg=AFQjCNEz5LDJOPH7uLFFRw8MJ4FJWzjI8w&sig2=UpTg819B_mfyMO5_qhnR0A&bvm=bv.96952980,d.bGQ
ऐसा क्या था कि आरंभिक जीवन के जहां 10 महत्वपूर्ण वर्ष जहां पर व्यतीत हुए हों उसका कही जिक्र तक नहीं ? क्या कहीं जन्म लेना अपराध है ? इसमे तो आपका कोई वश नहीं होता ये तो ईश्वर की मर्जी पर है /
अब्राहम लिंकन का जन्म बांस की कोठार मे हुआ था , उसका जिक्र तो अमेरीकन बड़े गर्व के साथ करते हैं और उसको आज तक एक स्मरनीय ऐतिहासिक स्थल की तरह आज तक सुरक्षित कर रखा है / तो नेहरू के वंशजों को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के जन्म स्थान को ऐतिहासिक स्थल घोसित करने मे शर्म किस बात की थी ? ( अब्राहम लिंकन की लिंक https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=3&cad=rja&uact=8&ved=0CD4QFjAC&url=https%3A%2F%2Fen.wikipedia.org%2Fwiki%2FAbraham_Lincoln_Birthplace_National_Historical_Park&ei=UmKXVd7HHIGxU7KdgtAH&usg=AFQjCNHdT5xQAszotmOwvjPhemwkWvlE2A&sig2=qCx5OXUi03kHPJEvghjM-Q&bvm=bv.96952980,d.d24)
(6) और सबसे बड़ी और अंतिम बात : अगर नेहरू कश्मीरी ब्रामहन होते तो क्या धारा 370 जैसी गलीज धारा का संविधान मे समाहित होने देते , जिसके कारण आज कश्मीरी ब्रामहनों और उनकी बहू बेटियों की कठमुल्लों ने बलात्कार और हत्या की और पिछले चौथाई शताब्दी से अपने ही देश मेन शरनार्थी बनकर रहने को मजबूर हैं ? मुलायम सिंह चाहे जैसे हों लेकिन अपने जन्मस्थल का ऋण पूरा किया , सैफई को सैफई तो बनाया / क्या नेहरू के वारिसों से ये प्रश्न नहीं पूंछा जाना चाहिए कि अपने पूर्वजों को नर्क मे जीने को क्यों मजबूर किया ? या शायद तुम कश्मीर की पैदाइश ही नहीं हो ?
(7) और एक बात और / कसमीर का कौन सा वो कस्बा या गाँव था जहां नेहरू के वंशज निवास करते थे ? किसी भी व्यक्ति की चाहत होती है कि यदि वो जीवन मे कुछ हासिल कर ले तो अपने पैतृक निवास की पवित्र भूमि का दर्शन कर उसको प्रणाम अवश्य करे / क्या नेहरू या उनके वारिस कभी उस गाव् ,कस्बे या शहर मे कभी गए अपनी उस पैतृक भूमि को प्रणाम करने ?

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