Saturday, 27 February 2016

भारत का विशालतम ‪#‎फर्जीवाड़ा‬ : #मण्डल_कमिशन

#‎मण्डल_कमिशन‬ की रिपोर्ट पढ़ रहा हूँ /
200 % फर्जीवाड़ा है ये दस्तावेज़ / दिल्ली के aircondition कमरे मे बैठकर तैयार की गई /
पता नहीं क्यों किसी ने आज तक इसको ध्यान से क्यों नहीं पढ़ा ?
परिणाम पहले से रेडीमेड था , बाकी डाटा की खाना पूर्ति बाद मे की गई है /
मसलन डाटा मांगा गया sample Survey का 1% / लेकिन समय कम होने का हवाला देते हुये हर जिले के मात्र 2 गाव और एक कस्बे की संपलिंग हुयी / एक जिले के मात्र 2 गाव का सर्वे पर्याप्त है ? और वो भी कुल अवधि सर्वे के टीम के गठन से उसके रिज़ल्ट के दाखिले की मात्र 5 महीने / 24 सेप्टेम्बर 1979 मे पहली बैठक लखनऊ मे होती है और 6 मार्च 1980 तक सर्वे के देश भर से आंकड़े तैयार , जिसमे राज्य , के सांख्यकी ऑफिसर से जिले के ऑफिसर और फिर गाव मे सर्वे करने वाले की ट्रेनिंग का समय भी इसी काल अवधि के बीच है /
क्या मज़ाक है ?
मसलन रिपोर्ट मे लिखा है कि ब्रिटिश भारत मे जाति के आधार पर जनगणना 1881 से 1931 तक हुयी /
जबकि जातिगत जनगणना पहली बार 1901 मे हुयी / H H Risley ने एंथ्रोपोलोजी और nasal base Index को आधार बनाकर सोशल Hierarchy तय की गई /
मसलन 3 ऊचे वर्ण , 3 dominant Castes हैं ।
वर्ण और जाति एक ही चीज है ?
caste पुर्तगाली शब्द Castas से उद्धृत है इसकी बाकायदा परिभासित किया गया है Imperial Guzzetear Of India मे / जबकि संस्कृत ग्रन्थों के अनुसार ‪#‎जाति‬ का अर्थ सुमन और मालती नामक दो पुष्प और सामान्य जन्म भर है इसको कैसे forward और backward को परिभासित कर पाएंगे ?
और वही रिसले People Of India मे लिखता है कि आर्य (ब्रामहन क्षत्रिय और वैश्य ) जो गोरे रंग के थे आए और यहाँ के Aborigines की स्त्रियॉं को रखैल बनाया या शादी की जिससे जातियों का जन्म हुआ ? ये गाली बर्दाश्त करने लायक है ?
जबकि ‪#‎वर्ण‬ का अर्थ है सामाजिक कार्यों का वर्गीकरण और वो भी स्वधर्मों यानि अपने प्रवृत्ति के अनुसार वृत्ति का चुनाव क्योंकि जब वो कौटिल्य लिखते हैं कि यदि एक माँ के चार पुत्र हो और उनमे से एक ब्रामहन वृत्ति चुने , एक क्षत्रिय वृत्ति चुने एक वैश्यवृत्ति चुने और एक शूद्र वृत्ति तो संपत्ति के बँटवारे के समय ब्रामहन को बकरी क्षत्रिय को अश्व वैश्य को गाय और शूद्र को भेंड दिया जाना चाहिए / ये कौटिल्य का GO है /
इसीलिए कह रहा हू कि ‪#‎फर्जी_Aryan_Invasion_theory‬ हमारे संविधान का हिस्सा बन चुका है / ये शाजिस गोरे अंग्रेजों ने रचा और काले गुलाम अंग्रेज़ उसको आज भी ढो रहे है /
भारत का विशालतम ‪#‎फर्जीवाड़ा

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