Friday 30 October 2015

साधु वेश मे रावण आया : नाम है उनका पी एम भार्गव , Romila thapar , इरफान habib

#‎गांधी‬ जी से किसी ने 1946 की आजादी की लड़ाई , स्वतन्त्रता मिलने की खुसी और बँटवारे के गम के साथ साथ जिन्ना के मार्च 1946 के ‪#‎डाइरैक्ट_एक्शन_डे‬ के ऐलान के बाद भारत की धरती पर हुये सांप्रदायिक खून खराबे को संदर्भित करते हुये , एक पत्रकार ने पूंछा कि -" आपको ऐसा नहीं लगता कि देश अगर शिक्षित होता तो शायद इस स्थिति का सामना न करना पड़ता ? "
गांधी ने पलट कर कहा - " नहीं एकदम नहीं / अगर शिक्षा और साक्षरता को पैमाना माने तो जर्मनी से ज्यादा शिक्षित जनता कहाँ की होगी जहां 60 लाख यहूदियों और 40 लाख जीपसियों को मौत के घाट उतार दिया गया / शिक्षा नहीं विवेक न्याय ज्ञान सहिष्णुता और एक दूसरे का सम्मान करने से इस स्थिति से निपटा जा सकता है / "
ये प्रश्न आज पुनः जाग्रत हो गया है जब ‪#‎PM_भार्गव‬ जैसे ‪#‎वैज्ञानिक‬ ने ‪#‎एखलाक_सिंड्रोम‬ से पीड़ित होकर भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया गया ‪#‎पद्म_भूषण‬ पुरस्कार लौटने की घोषणा की है /
किस बात पर ?
यूपी के दादरी कस्बे मे मरहूम एखलाक (RIP) नामक एक व्यक्ति के अपने पड़ोसी के बछड़े को चुराकर हलाल करने की प्रतिकृया मे मोब द्वारा उसकी हत्या कर दी जाती है /
इस घटना का नाम दिया गया Lynch Mob / इसके विरोध मे उन्होने पुरस्कार लौताने की घोषणा की है / विरोध को नाजायज नही ठहराया जा सकता । लेकिन हर प्रतिक्रिया के औचित्य का आकलन भी होना चाहिए।
प्रदेश सरकार और न्याय व्यवस्था शायद अपना काम कर रही हो , लेकिन इनका संवेदनशील मस्तिस्क अब उस न्याय व्यवस्था पर न भरोसा करता है , और न ही प्रदेश सरकार से कानून व्यवस्था के समवंध मे कोई प्रश्न करता है ?
PM भार्गव जी को ये ‪#‎पुरस्कार‬ कब मिला था ?
#1986 मे ‪#‎दिल्ली‬ मे ‪#‎राजीव‬ गांधी के सरकार के दौरान भारत के ‪#‎राष्ट्रपति‬ के द्वारा /
इसके ठीक दो वर्ष पूर्व 1984 मे ‪#‎इन्दिरा‬ गांधी के हत्या के बाद पूरे भारत मे और खास तौर पर दिल्ली मे, ‪#‎हजारों_सिखों‬ को सरकार के गुर्गों और गुंडों के हांथों निर्मम हत्या की गई थी , उसके विरोध में । स्वर्णमंदिर को सैनिकों के बूटों के तले रौंदवाने के कारण आक्रोश मे यदि दो सिख इन्दिरा की हत्या कर देते हैं तो उनका बदला निर्दोष हजारों सिखों के खून से लिया जाएगा ? तब क्या भार्गव जी ने विरोध जताया था ? ( नहीं जताया होगा क्योंकि उनकी फ़ाइल #पद्म_भूषण पुरस्कार के लिए मंत्रालय से राष्ट्रपति भवन के रास्ते मे रही होगी / )
#पुरस्कार लेते वक़्त आपको याद नहीं आया था ये ‪#‎कत्लेआम‬ ‪#‎भार्गव‬ जी ? तब आपकी संवेदना क्या तेल लेने चली गई थी ?
1990 के दशक मे कश्मीर से लाखों ‪#‎कश्मीरी_पंडितों‬ की बेटी और बहनों के साथ बलात्कार हुआ था , उनका कत्ल किया गया गया शरेशाम ISIS के तर्ज पर / उनको उनके पुश्तैनी घरों से खदेड़ दिया गया था , तब आपकी ‪#‎आत्मा‬ मृतप्राय हो गयी थी ?
जिस astrology को हजारों वर्षों से , यूरोप और अरब के न जाने कितने यात्रियों, अलुबेर्णी से लेकर अबदूर राजजक तक ने लिखा कि भारत मे सूर्य और चन्द्र ग्रहण की इतनी सटीक गणना यहा के पंडित पत्रा देखकर बता देते हैं कि उसमे एक सेकंड का भी हेर फेर नहीं होता है , और जिसकी प्रशंसा और समर्थन ‪#‎नोबल‬ पुरुसकार प्राप्त ‪#‎C_V_Raman‬ जैसे भारत और विश्व के रत्न कर चुके हों, उसका भी विरोध इनही #भार्गव जी ने किया था बाजपेई सरकार के दौरान ,और संभवतः आंध्र highcourt मे उसके खिलाफ मुकदमा भी किया था , यद्यपि कोर्ट ने इनके ऊपर पेनाल्टी लगाए बिना ही खारिज कर दिया था /
लिखना तो आज ‪#‎रोमिला_थापर‬ और ‪#‎इरफान_हबीब‬ पर भी था / परंतु अब कल लिखुंगा /
लेकिन ये बार स्पस्ट है कि ये वैज्ञानिक और इतिहासकार शिक्षित और विद्वान हैं अपनी विधा के लेकिन निष्पक्ष नहीं हैं /
और विद्वान तो रावण भी था / तो फिर कैसे निर्धारित हो कि इनका आकलन किस पैमाने पर किया जाय ? दो पैमाने हैं --
1- विद्या विवादाय धनम मदाय शक्ति परेशाम परपीडनाय /
खलुश्च साधोर्विपरीतम एतद ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय //
तो इन विद्वान महानुभावों के उस भाव को आमजन को पहचानना ही होगा क्योंकि इनकी विद्वता पर कोई संदेह नहीं कर सकता / सोवियत प्रेमी नेहरू ने वामपंथियोंके लिए विद्या के आगार (खजाने ) खोल दिये थे / तो विद्यार्जन कर पहले तो ये विद्वान हो गए फिर इन ‪#‎वामी_विद्वानों‬ ने एक गिरोह बनाया जो 68 साल तक एक ताकतवर रावण की तरह अधर्म और अनीति नामक मारीचो को प्रश्रय देता रहा /
लेकिन आप ये निर्णय स्वयम करें कि ये विद्वान विद्या का उपयोग ‪#‎विवाद‬ पैदा करने के लिए कर रहे हैं कि ज्ञान देने के लिए ?
2- साधु वेश मे रावण आया /
दूसरी बात सीता का हरण करने महाप्रतापी ‪#‎रावण‬ भी साधु का वेश धारण करके आया था / अतः इन साधु और विद्वानों की नीति आउर नीयत दोनों का विश्लेषण हर भारतवासी करे/

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