Saturday 23 April 2016

कौटिल्य को नहीं पढ़ाया जाता भारत में ? मार्क्स को क्यों नहीं पढ़ाया जाता है ?

कौटिल्य को नहीं पढ़ाया जाता भारत में ?
झूंठे इतिहास और कहानीकारों की पोल खुल जायेगी ।
पढ़ाया किसको जाता है ।
कार्ल मार्क्स जो अपने देश में तो कुछ न कर पाये, लेकिन पूरी दुनिया में उनके चेले ‪#‎किरान्ति‬ कर रहे हैं।
‪#‎मरकस_बाबा‬ ने 1853 में न्यूयॉर्क ट्रिब्यून में लिखा ( यद्यपि वे भारत के बारे में कोण से सूत्र से अवगत हुए थे , ये आज तक पता नही चला है ) - कि " चूंकि भारत में हनुमान और गायों की पूजा होती है इसलिए ये अर्धबर्बर देश है "।
तो उपचार क्या है ?
" अंग्रेजों के पास दो जिम्मेदारियाँ है - एक ध्वंशात्मक और एक सृजनात्मक ।
(1) भारतीय समाज का विनाश
(2) और उस समाज पर पश्चिम के भौतिकता की नीवं स्थापित करना।"
वहीँ दुनिया के दूसरे कोने में अमेरिका में यही अंग्रेज बहुत ही सभ्य और पूण्य भरा कार्य कर रहे थे जिस पर मरकस बाबा मौन हैं ।
क्या था वो पुनीत और सभ्य काम।
- 1500 में अमेरिका में अंग्रेज और अन्य इसाई रेड इंडियन की लगभग 9 -11.2 करोड़ (कुछ अन्य श्रोतो के अनुसार 20 करोड़ लोगों की हत्या 1800 के बीच में कर देते हैं , (कुछ श्रोतों के अनुसार ईसाइयत के नाम पर , कुछ श्रोतों के अनुसार बीमारियों से ) जिस पर मरकसियों ने आज तक प्रकाश नही डाला ।
ऐसा दोगलापन क्यों ?
और उस दोगले की सन्ततियां यत्र तंत्र सर्वत्र #किरान्ति करते घूम रहे हैं।

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