#राजपरिवार_आरक्षण के पात्र कैसे ?
संविधान गूंगा बहरा और अंधा है क्या ?
संविधान गूंगा बहरा और अंधा है क्या ?
ये तस्वीर पडरौना के कांग्रेस प्रत्याशी कुवँर RPN Singh जी की है।
मेरे लिए इनकी जलेबी या पकौड़ा छानते हुए आम आदमी का स्वांग करके, उनसे जुड़ने के प्रयास करने का कोई महत्व नहीं है।
लोकतंत्र का अर्थ ही है इमोशनल अत्याचार।
मेरे लिए इनकी जलेबी या पकौड़ा छानते हुए आम आदमी का स्वांग करके, उनसे जुड़ने के प्रयास करने का कोई महत्व नहीं है।
लोकतंत्र का अर्थ ही है इमोशनल अत्याचार।
अधिकतर नेता अपने कार्य और नीति पर वोट नही मांगते।
वे आपके इमोशन्स को छूकर चाहते हैं कि आप अनुभव करें कि वह आपके ही जैसे लोग है, कृपया उनको वोट देकर स्वयं को कृतार्थ कीजिये।
और उनको पांच साल तक अपनी छाती पर मूंग दलवाने में सहायक बनिये।
यह एक सामान्य वक्तव्य था।
वे आपके इमोशन्स को छूकर चाहते हैं कि आप अनुभव करें कि वह आपके ही जैसे लोग है, कृपया उनको वोट देकर स्वयं को कृतार्थ कीजिये।
और उनको पांच साल तक अपनी छाती पर मूंग दलवाने में सहायक बनिये।
यह एक सामान्य वक्तव्य था।
मेरा प्रश्न दूसरा है।
RPN Singh साहब दो पीढ़ियों से देश के केंद्रीय सरकार में मंत्री रहे हैं।
मेरे कांग्रेस के मित्र बताते हैं कि ये यद्यपि ये राज परिवार से हैं, परंतु यह ओबीसी केटेगरी से आते हैं।
गूगल बताता है कि ये तीन सौ वर्ष से राजा है , और प्राचीन राजवंशो से सम्बन्ध रखते हैं।
RPN Singh साहब दो पीढ़ियों से देश के केंद्रीय सरकार में मंत्री रहे हैं।
मेरे कांग्रेस के मित्र बताते हैं कि ये यद्यपि ये राज परिवार से हैं, परंतु यह ओबीसी केटेगरी से आते हैं।
गूगल बताता है कि ये तीन सौ वर्ष से राजा है , और प्राचीन राजवंशो से सम्बन्ध रखते हैं।
इस रहस्य से पर्दा कौन उठाएगा कि राजा महाराजा भी एडुकेशनली और सोशली बैकवर्ड हैं? यदि ये बैकवर्ड हैं तो हम जैसे साधारण किसान पृष्ठभूमि के लोगों को तो महा महा बैकवर्ड केटेगरी में आना चाहिए।
और ये अकेले नही है।
सिंधिया परिवार भी ओबीसी है।
सिंधिया परिवार भी ओबीसी है।
अनेक अन्य राजपरिवार भी भारत मे ST केटेगरी में आते हैं।
इस रहस्य से पर्दा कैसे उठेगा?
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