"John Perkins ने अपनी पुस्तक Confession of an Economic Hitman में
लिखा है कि अब दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्यवादी देश मुझ जैसे व्यक्तियों
को अकल्पनीय सैलरी देकर , दुनिया के उन परिवारों को #घूस
के जरिये वर्ल्ड बैंक और USAID के माध्यम से उनके देशों के प्राकृतिक
संसाधनों के दोहन के लिए लोन दिलवाता है , जो उस देश को नियंत्रित करते हैं
।
अब हम तलवार से नहीं लड़ते , बल्कि फर्जी फाइनेंसियल रिपोर्ट , इलेक्शन में फर्जीवाड़ा करके , घूस देकर , ब्लैकमेल करके या सेक्स और मर्डर को अपना हथियार बनाते हैं। खास तौर पर ग्लोबलिज़शन के समय कॉल में बहुत भयानक रूप ले चूका है ।
2005 में लिखा उसने ।
20 साल पहले लिखना चाहता था ।
लेकिन भय या घूस देकर उसका मुंह बन्द करा दिया गया ।
अब आज इसको भारत के सन्दर्भ में देखें।
देश की दो राष्ट्रीय महत्व की घटना लोकसभा के स्पीकर रह चुके #संगमा की मौत और उनके भारतीय राजनीति में योगदान की बात होनी चाहिए था ।
या फिर #पाकिस्तान से #भारत की सीमा में बनाये गए #सुरंग के बारे में बात होना चाहिए था ।
लेकिन हर प्राइवेट मीडिया एक #जमानत_प्राप्त देशद्रोही की प्रशंसा में पूरा समय खर्च कर दिया।
अब भारत को इन #बहुत_क्रांतिकारी न्यूज़ चैनल्स के मालिको की खबर लेना चाहिए ।
कौन इनका मालिक है ?
क्योंकि इसी लेखक ने बताया है कि - पहली बार हम देश के मालिक परिवारों को धन से खरीदने की कोशिस करते हैं ।
अगर वो काम नहीं किया तो ।
CIA और उनकी तरह की अलग संस्था जैसे ह्यूमन राईट कमीशन या NGO और अन्य दल्ले भेड़ियों को खरीदते हैं , जिसमे असहमत नेता किसी वायलेंट अटैक में मार दिया जाता हैं ।
और उससे भी काम न बने तो अमरीका के नौजवानों को हत्या और मृत्यु को चुनने के तकनीक का प्रयोग करते हैं , जैसे कि इराक या अफगानिस्तान।
खैर कोई ऑथेंटिक लिस्ट दे सकता है इन मीडिया के मालिकों का , जो अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी ताकतों के दूसरी श्रेणी के तरकीब का प्रयोग कर रही हैं ।
#इंदिरा #राजीव #लाल_बहादुर सिंधिया , संजय गांधी , राजेश पायलेट की मौत , आज तक रहस्य है ?
अब हम तलवार से नहीं लड़ते , बल्कि फर्जी फाइनेंसियल रिपोर्ट , इलेक्शन में फर्जीवाड़ा करके , घूस देकर , ब्लैकमेल करके या सेक्स और मर्डर को अपना हथियार बनाते हैं। खास तौर पर ग्लोबलिज़शन के समय कॉल में बहुत भयानक रूप ले चूका है ।
2005 में लिखा उसने ।
20 साल पहले लिखना चाहता था ।
लेकिन भय या घूस देकर उसका मुंह बन्द करा दिया गया ।
अब आज इसको भारत के सन्दर्भ में देखें।
देश की दो राष्ट्रीय महत्व की घटना लोकसभा के स्पीकर रह चुके #संगमा की मौत और उनके भारतीय राजनीति में योगदान की बात होनी चाहिए था ।
या फिर #पाकिस्तान से #भारत की सीमा में बनाये गए #सुरंग के बारे में बात होना चाहिए था ।
लेकिन हर प्राइवेट मीडिया एक #जमानत_प्राप्त देशद्रोही की प्रशंसा में पूरा समय खर्च कर दिया।
अब भारत को इन #बहुत_क्रांतिकारी न्यूज़ चैनल्स के मालिको की खबर लेना चाहिए ।
कौन इनका मालिक है ?
क्योंकि इसी लेखक ने बताया है कि - पहली बार हम देश के मालिक परिवारों को धन से खरीदने की कोशिस करते हैं ।
अगर वो काम नहीं किया तो ।
CIA और उनकी तरह की अलग संस्था जैसे ह्यूमन राईट कमीशन या NGO और अन्य दल्ले भेड़ियों को खरीदते हैं , जिसमे असहमत नेता किसी वायलेंट अटैक में मार दिया जाता हैं ।
और उससे भी काम न बने तो अमरीका के नौजवानों को हत्या और मृत्यु को चुनने के तकनीक का प्रयोग करते हैं , जैसे कि इराक या अफगानिस्तान।
खैर कोई ऑथेंटिक लिस्ट दे सकता है इन मीडिया के मालिकों का , जो अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी ताकतों के दूसरी श्रेणी के तरकीब का प्रयोग कर रही हैं ।
#इंदिरा #राजीव #लाल_बहादुर सिंधिया , संजय गांधी , राजेश पायलेट की मौत , आज तक रहस्य है ?
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