Wednesday, 2 March 2016

#‎सोनिया_टेरर_एंड_रॉबरी_गैंग‬ = ‪#‎कांग्रेस_ई‬ और इशरत कवर उप

#‎सोनिया_टेरर_एंड_रॉबरी_गैंग‬ = ‪#‎कांग्रेस_ई‬
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बात आज की नहीं है।
बात शुरू होती है 1945 से । ब्रिटेन के दूसरे विश्वयुद्ध में पराजित होने के बाद ब्रिटेन की लेबर पार्टी भारत को आजाद करने का निर्णय लेती है ।
लेकिन उस समय सुभास्चंद्र बोस बहुत बड़े नेता थे ।
उनके INA के सपोर्ट में Indian Naval Army ने स्ट्राइक कर दिया ।
अब बात फंस गयी कि ब्रिटिश डकैतों की भारत से safe exite कैसे हो ? आखिर समुद्री रास्ते से ही बाहर जा सकते थे ।
मॉन्टबेटेन उसकी पत्नी का रोल यहाँ आता है ।ब्रिटिश डकैतों के सेफ एक्सिट के लिए भारत के बँटवारे का प्रस्ताव ब्रिटिश की संसद में निर्णय लिया जाता है ।
लुइश् फिशर की Life of Mahatma Gandhi और डोमेनिक लपीएर की freedom at midnight में सप्रमाण इसको डिटेल में लिखा गया है कि जब गांधी ने कहा कि - भारत का बंटवारा उनकी लाश पर होगा ।
और उसके बाद जिन्ना नेहरू और पटेल की सहमति से नेहरू ने बँटवारे के कागजात पर दष्टखत कर दिया तो मॉन्टबेटेन के द्वारा एक वार्तालाप ने पूंछा गया कि गांधी जी आपके वचन का क्या हुवा ?
तो गांधी ने कहा कि - I am spent bullet ।कोई मेरी बात नही मान रहा ।
लेंकिन फ़रवरी 1948 में भारत से पाकिस्तान की यात्रा की इच्छा व्यक्त किया था ।
लेकिन मरने के मात्र 4 दिन पूर्व उन्होंने अपने अंतिम टेस्टामेंट में ‪#‎कांग्रेस‬ को भंग करने की सलाह देकर अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर दिया। गोडसे के सहयोगी जिसको गांधी की हत्या के शाजिश में गिरफ्तार किया गया था उसको मॉन्टबेटेन के आदेश पर छोड़ दिया जाता है। गोडसे गांधी पर 3 गोली चलाता है ।
‪#‎चौथी_गोली‬ किसने चलाया ? ‪#‎subramaniyam‬ स्वामी ने इस प्रश्न को बारम्बार उठाया है ।
अब वापस ‪#‎सुभास‬ बाबू के प्रश्न पर । स्टालिन और नेहरू के गुप्त समझौते के कारन नेहरू यह झूठ बोलते हैं कि उनकी एक हवाई यात्रा में एक्सीडेंट में मौत हो जाती है।और स्वामी के सूत्रों के हवाले से उनको 1954 मे स्टेलिन फांसी दे देता है /
स्टालिन के चरणों में सर झुकाने के बाद भारत के राजनीति और अकादमिया में ‪#‎मरकस_बाबा‬ की नीति और चेलों का कब्जा होता है ।
गांधी के चेले ने गांधी के आर्थिक नीति और सिद्धांतों से U टर्न ले लिया।
अब एक और ताकतवर नेता था भारत में ।
‪#‎वीरसवरकेर‬। उनको गांधी की हत्या में झूंठे रूप से फंसाकर परेशान किया जाता है । और किस्सागो वामपंथियों का प्रिंट मीडिया पर कब्जा करवाकर उनका चरित्रहनन करवाया जाता है ।
दो बड़े नेता सावरकर और सुभाषबाबू को निपटाने के बाद नेहरू का भारत में कई पीढ़ियों तक राज करने और लूटने का रास्ता साफ़ हो जाता है ।
इंदिरा के भारत के विदेशमंत्री दिनेश सिंह से संवंधों के बारे में आज तक कयास लगाया जाता रहा है । दिनेश सिंग के छोटे भाई की स्टालिन के बेटी से गहरा सम्वन्ध था ।क्योंकि सोवियत रूस मे उनकी मौत के बाद वो उनकी लाश उनके गृहजनपद प्रतापगढ़ में लाती है लेकिन फिर रूस वापस न जाकर अमेरिका चली जाती है ।
उसी दौरान इंदिरा के इंटरमीडिएट पास नया नया जवान हो रहे ‪#‎राजीव_गांधी‬ के सामने ‪#‎बार_बाला‬ सोनिया को पोप चारे के रूप में प्रस्तुत करता है , जिसको वो मजे से निगल जाते हैं।
बीच में भारतीय सोच के ‪#‎लालबहादुर‬ शाश्त्री को ताशकंद में 1965 में रास्ते से हटा दिया जाता है ।
क्योंकि उनकी लाश वापस भारत आने पर उनका पोस्टमॉर्टम तक नहीं होता ।
बीच में संजय गांधी सिंधिया और अन्य नेताओंको निपटाने के बाद ‪#‎स्वामी‬ के अनुसार , राजीवगांधी को जब विषकन्या की सच्चाई पता चलती है तो उनको भी निपटा दिया जाता है लिट्टे के हांथों।
अब सुभाष बाबू के कागज पब्लिक हुए तो वेमुल्ला कन्हिया और खालिद करवाया जाता है ।
अब जब पिछले 10 वर्षों के शासन में लाखों करोङो का माल डकारने के बाद एक देशी सोच के नेता ‪#‎मोड़ी‬ के खिलाफ हत्या की शाजिश रचने के बाद ‪#‎इशरत_कांड‬ किया जाता है तो आश्चर्य कैसा ?

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