#सेकुलर महान अकबर की कुल उपलब्धि - #शिया_सुन्नी_एक_ही_मस्जिद मे #नमाज पढ़ते थे /
#अकबर जाहिल था ।
लोगों ने बताया कि उसने तालीम हासिल नही की थी ।यानि पढ़ा लिखा नहीं था यानि #जाहिलिया ।
उसने बुतखाना नही बनवाया था , इबादतखाना बनवाया था ।
जिसमे इतिहासकार #इरफ़ान_हबीब ने बताया है कि वो सर्वधर्म समभाव रखता था।
लेकिन उसने #दीने_ऐ_इलाही चलाया था ।
हमारे यहाँ #दीन_हीन बहुत से लोग हैं।
लेकिन कुछ शब्दों का प्रयोग किया है इस प्रसिद्ध इतिहासकार ने ।
#अकबर जाहिल था ।
लोगों ने बताया कि उसने तालीम हासिल नही की थी ।यानि पढ़ा लिखा नहीं था यानि #जाहिलिया ।
उसने बुतखाना नही बनवाया था , इबादतखाना बनवाया था ।
जिसमे इतिहासकार #इरफ़ान_हबीब ने बताया है कि वो सर्वधर्म समभाव रखता था।
लेकिन उसने #दीने_ऐ_इलाही चलाया था ।
हमारे यहाँ #दीन_हीन बहुत से लोग हैं।
लेकिन कुछ शब्दों का प्रयोग किया है इस प्रसिद्ध इतिहासकार ने ।
#चिरा_दस्तिए_ख्याल - मस्तिस्क के महानतम प्रयास ।
लेकिन हबीब मियां कहते हैं कि - इसलिए अकबर ने हिंदुओं की मूर्तिपूजा और मुसलमानों के नमाज दोनों की #अवमानना की । उसके द्वारा #मूर्ति_पूजा की अवमानना हमें उस समय विशेष रूप से प्रभावित करती है जब अकबरनामा का लेखक #टोडरमल को 'सीधा सादा' (#सादा_लौह) कहता है, क्योंकि वह जिन मूर्तियों की पूजा करता था उनके खो जाने पर उसने शोक प्रकट किया। वह टोडरमल को 'परंपरा तथा संकीर्णता का अंधभक्त ' कहता है ।
अकबर की कुल उपलब्धि - #शिया_सुन्नी_मस्जिद मे #नमाज पढ़ते थे /
#इबादतखाना बनवाया ।
#बुतपरस्ती का विरोध किया ।
#बुतखाना नहीं बनवाया ।
फिर भी अकबर भी सेक्युलर और इरफ़ान हबीब भी सेक्युलर ।
लेकिन हबीब मियां कहते हैं कि - इसलिए अकबर ने हिंदुओं की मूर्तिपूजा और मुसलमानों के नमाज दोनों की #अवमानना की । उसके द्वारा #मूर्ति_पूजा की अवमानना हमें उस समय विशेष रूप से प्रभावित करती है जब अकबरनामा का लेखक #टोडरमल को 'सीधा सादा' (#सादा_लौह) कहता है, क्योंकि वह जिन मूर्तियों की पूजा करता था उनके खो जाने पर उसने शोक प्रकट किया। वह टोडरमल को 'परंपरा तथा संकीर्णता का अंधभक्त ' कहता है ।
अकबर की कुल उपलब्धि - #शिया_सुन्नी_मस्जिद मे #नमाज पढ़ते थे /
#इबादतखाना बनवाया ।
#बुतपरस्ती का विरोध किया ।
#बुतखाना नहीं बनवाया ।
फिर भी अकबर भी सेक्युलर और इरफ़ान हबीब भी सेक्युलर ।