आज का भारत सामजिक रूप से इतनी Castes में बंटा हुवा है कि कोई भी व्यक्ति बता नहीं सकता कि संविधान में उन Castes की कुल संख्या क्या है / हर एक Caste सत्ता के शीर्ष पर उच्चासीन होने के लिए एक राजनैतिक हथियार भर बन के रहा गया है / और सरकारें हर साल कुछ खास कास्ट को SC या OBC लिस्ट में शेडूल करके अपने कर्तव्यों कि इति समझ लेती है / और इन Castes के ठेकेदार इन टुकड़ों में बंटे लोगों को भावनात्मक उभार देके सत्ता के गलियारों में प्रवेश करते हैं , फिर वे भी उन्ही में से एक भेड़िया बन के रह जाते हैं जो जनता के लिए घोषित जनकल्याण की योजनाओं के लिए आवंटित राशि में अपना हिस्सा लेकर, अपने ही लोगों का हांड मांस चबाने में यकीन रखता है /
भारत में जब डॉ आंबेडकर ने "Annihilation ऑफ़ Castes " की योजना बनाई होगी तो उन्हें मालूम नहीं था की वे एक औपनिवेशिक शासन और bigot ईसाईयों के शाजिश का शिकार होने जा रहे है / आजाद भारत में Castism को ब्राम्हणवाद ' मनुवाद , सवर्णवाद , और न जाने कितने गढ़े हुए शब्दों के सर पर ठीकरा फोड़कर सत्ता हथियाने का खेल जारी है / लेकिन जब आप हकीकत की तरफ नजर घुमाते हैं तो पाते हैं की सच्चाई तो कुछ और है / कुछ दलित चिंतक जो निरंतर न जाने कितने वर्षों से यही गरियाने वाली मोडस ोपरांडी अपनाये हुयें है , यदि उनसे इन कटु सच्चाई पर संवाद करना चाहो तो या तो आपको ब्लॉक कर देंगे , या शुतुरमुर्ग की तरह बालू में मुहं छिपा लेंगे कि शायद ये आँधी उनको प्रभावित न करे /
नीचे पेश है औरंगजेब के समयकाल का एक तथ्य जो इस बात को खुले आम चुनौती दे रहा है कि Caste भारतीय समाज का अभिन्न अंग नहीं था इसे आपको गिफ्ट किया गया है --
फ्रैंकोसिस बेर्नियर जोकि एक फ़्रांसिसी फिजिशियन था जिसने अपने जीवन का 12 साल भारत में बिताया था , 1656 - 1568 तक / पहले वो दारा शिकोह की सेवा में था , लेकिन औरंगजेब ने जब अपने सगे बड़े भाई दारा उसके ऊपर काफ़िर होने का इल्जाम लगते हुए उसका कत्ल कर दिया तो बेर्नियर औरंगजेब का फिजिशियन बन जाता है / उसने एक पुस्तक लिखी - " Travels in the Mogul Empire " , जिसमे उसने काफी विस्तार से मुग़ल शासन और तात्कालिक समाज के बारे में लिखा है / उसी पुस्तक से उद्धृत है निम्नलिखित लेख, जिसमे वो हिन्दुओं (GENTILES ) के बारे में लिखा है -------------------------------------------------------------------------
"हिन्दू जिस गॉड में यकीन करते हैं उसको वो "अचर", अर्थात जो अचल है , के नाम से जानते है / उसने इनको ४ पुस्तकें भेजी हैं जिसको ये वेद (BETHS ) के नाम से पुकारते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है विज्ञानं (साइंस ) , क्योंकि इनके अनुसार इन पुस्तकों में समस्त विज्ञानं भरा पड़ा है / इन पुस्तको में पहली पुस्तक का नाम अथर्वेद (Atherbabeth ) है , दूसरी का नाम है यजुर्वेद (Zagerbeth ) ,तीसरी का नाम ऋग्वेद (rekbed ) और चौथी का नाम सामवेद है / इन पुस्तकों में लिखा है कि लोगों को चार श्रेणियों (Devision ) में रखा जाय / पहली ट्राइब ब्राह्मण , जो कि ज्ञान को परिभासित करने वाले ( इंटरप्रेटर ऑफ़ लॉ ) , दूसरा क्षत्रिय (Quetterys ) या योद्धा ट्राइब , तीसरी ट्राइब वैश्य (Beuscue ) की है जो मर्चेंट्स या ट्रेड्समैन हैं और चौथी ट्राइब सूद्र (Seydra ) कि है जोकि अर्टिसन और labourers हैं / ये अलग अलग ट्राइब वाले एक दूसरे ट्राइब्स में शादी ब्याह नहीं कर सकते , अर्थात ब्राम्हण क्षत्रियों से शादी नहीं कर सकता / और यही बात हर ट्राइब के लिए लागू होता है / "
इसको फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले लेखक का इंटरप्रिटेशन --" अचर कि जो परिभाषा बेर्नियर ने दी है वो इस बात का प्रमाण है कि उसने इस विषय में गहरा अन्वेषण किया है, इसका अर्थ ही होता है अनंत (Iternal ) , या जो जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्त हो चुका हो / बेर्नियर को पर्शियन भाषा का अच्छा ज्ञान था इसलिए उसने ट्रांसलिटरेशन के नियमों का अच्छी तरह से पालन किया है /
हिन्दू समाज के वर्गीकरण से ये स्पस्ट है कि जिस पंडित ने उसको संस्कृत या हिंदी में बताया होगा, उसको उसने पहले पर्शियन में फिर फ्रेंच में लिखा होगा / बेर्नियर ने जो ट्राइब शब्द का प्रयोग किया है ,वो Caste शब्द से ज्यादा साइंटिफिक है जिसको एल्फिंस्टोन भी लिखना पसंद करता है / Caste जोकि Portuguese शब्द Casta से लिया गया है जिसको Creed Race या kind के नाम से भी जाना जाता है / आधुनिक समय में ये चार devision ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र के नाम से जाना जाता है /" --
From "Travels in the Mogul Empire"
AD 1658-1668
by Francosis Bernier
Second Edition Revised by Vincent A smith MA
Author of "The Early Histiry of India "
Oxford University Press 1916 Page 325
भारत में जब डॉ आंबेडकर ने "Annihilation ऑफ़ Castes " की योजना बनाई होगी तो उन्हें मालूम नहीं था की वे एक औपनिवेशिक शासन और bigot ईसाईयों के शाजिश का शिकार होने जा रहे है / आजाद भारत में Castism को ब्राम्हणवाद ' मनुवाद , सवर्णवाद , और न जाने कितने गढ़े हुए शब्दों के सर पर ठीकरा फोड़कर सत्ता हथियाने का खेल जारी है / लेकिन जब आप हकीकत की तरफ नजर घुमाते हैं तो पाते हैं की सच्चाई तो कुछ और है / कुछ दलित चिंतक जो निरंतर न जाने कितने वर्षों से यही गरियाने वाली मोडस ोपरांडी अपनाये हुयें है , यदि उनसे इन कटु सच्चाई पर संवाद करना चाहो तो या तो आपको ब्लॉक कर देंगे , या शुतुरमुर्ग की तरह बालू में मुहं छिपा लेंगे कि शायद ये आँधी उनको प्रभावित न करे /
नीचे पेश है औरंगजेब के समयकाल का एक तथ्य जो इस बात को खुले आम चुनौती दे रहा है कि Caste भारतीय समाज का अभिन्न अंग नहीं था इसे आपको गिफ्ट किया गया है --
फ्रैंकोसिस बेर्नियर जोकि एक फ़्रांसिसी फिजिशियन था जिसने अपने जीवन का 12 साल भारत में बिताया था , 1656 - 1568 तक / पहले वो दारा शिकोह की सेवा में था , लेकिन औरंगजेब ने जब अपने सगे बड़े भाई दारा उसके ऊपर काफ़िर होने का इल्जाम लगते हुए उसका कत्ल कर दिया तो बेर्नियर औरंगजेब का फिजिशियन बन जाता है / उसने एक पुस्तक लिखी - " Travels in the Mogul Empire " , जिसमे उसने काफी विस्तार से मुग़ल शासन और तात्कालिक समाज के बारे में लिखा है / उसी पुस्तक से उद्धृत है निम्नलिखित लेख, जिसमे वो हिन्दुओं (GENTILES ) के बारे में लिखा है -------------------------------------------------------------------------
"हिन्दू जिस गॉड में यकीन करते हैं उसको वो "अचर", अर्थात जो अचल है , के नाम से जानते है / उसने इनको ४ पुस्तकें भेजी हैं जिसको ये वेद (BETHS ) के नाम से पुकारते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है विज्ञानं (साइंस ) , क्योंकि इनके अनुसार इन पुस्तकों में समस्त विज्ञानं भरा पड़ा है / इन पुस्तको में पहली पुस्तक का नाम अथर्वेद (Atherbabeth ) है , दूसरी का नाम है यजुर्वेद (Zagerbeth ) ,तीसरी का नाम ऋग्वेद (rekbed ) और चौथी का नाम सामवेद है / इन पुस्तकों में लिखा है कि लोगों को चार श्रेणियों (Devision ) में रखा जाय / पहली ट्राइब ब्राह्मण , जो कि ज्ञान को परिभासित करने वाले ( इंटरप्रेटर ऑफ़ लॉ ) , दूसरा क्षत्रिय (Quetterys ) या योद्धा ट्राइब , तीसरी ट्राइब वैश्य (Beuscue ) की है जो मर्चेंट्स या ट्रेड्समैन हैं और चौथी ट्राइब सूद्र (Seydra ) कि है जोकि अर्टिसन और labourers हैं / ये अलग अलग ट्राइब वाले एक दूसरे ट्राइब्स में शादी ब्याह नहीं कर सकते , अर्थात ब्राम्हण क्षत्रियों से शादी नहीं कर सकता / और यही बात हर ट्राइब के लिए लागू होता है / "
इसको फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले लेखक का इंटरप्रिटेशन --" अचर कि जो परिभाषा बेर्नियर ने दी है वो इस बात का प्रमाण है कि उसने इस विषय में गहरा अन्वेषण किया है, इसका अर्थ ही होता है अनंत (Iternal ) , या जो जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्त हो चुका हो / बेर्नियर को पर्शियन भाषा का अच्छा ज्ञान था इसलिए उसने ट्रांसलिटरेशन के नियमों का अच्छी तरह से पालन किया है /
हिन्दू समाज के वर्गीकरण से ये स्पस्ट है कि जिस पंडित ने उसको संस्कृत या हिंदी में बताया होगा, उसको उसने पहले पर्शियन में फिर फ्रेंच में लिखा होगा / बेर्नियर ने जो ट्राइब शब्द का प्रयोग किया है ,वो Caste शब्द से ज्यादा साइंटिफिक है जिसको एल्फिंस्टोन भी लिखना पसंद करता है / Caste जोकि Portuguese शब्द Casta से लिया गया है जिसको Creed Race या kind के नाम से भी जाना जाता है / आधुनिक समय में ये चार devision ब्राम्हण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र के नाम से जाना जाता है /" --
From "Travels in the Mogul Empire"
AD 1658-1668
by Francosis Bernier
Second Edition Revised by Vincent A smith MA
Author of "The Early Histiry of India "
Oxford University Press 1916 Page 325
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