नक्सल संगठित अपराधियो का गिरोह है।
इसको वैचारिक खाद पानी शहरों और JNU टाइप के संस्थानों से मिलता है ।
मूल सिद्धांत जिस पर इनको बहकाया जाता है वो है -"सत्ता बंदूक की गोली से प्राप्त की जाती है - माओ"।
माओ अपने देश का कितना बड़ा हत्यारा था , अब ये बात गुप्त नही है।
जो बहकाये गए हैं ।
इनको एक माह का समय दिया जाय और यदि ये एक माह में न सुधरें तो इनके साथ साथ इनके बौद्धिक आकाओं को भी इन्ही की भाषा मे प्रतिउत्तर देना चाहिए।
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